उत्तराखंड: की राजधानी देहरादून में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे कई जगहों पर जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। दिल्ली ट्रेनिंग सेंटर में जलभराव और हादसे के बाद अब देहरादून नगर निगम भी सख्त पाबंदियां अपनाता नजर आ रहा है। अगर घर या अपार्टमेंट या किसी प्रतिष्ठान के बेसमेंट या किसी जगह पर पानी भर जाता है और उसमें डेंगू का लार्वा पनपता है तो नगर निगम भी कार्रवाई कर रहा है। इन लोगों के खिलाफ 10 हजार रुपये तक के चालान भी काटे जा रहे हैं।
पहले नोटिस फिर हजारों का चालान
अगर किसी घर, अपार्टमेंट या किसी संस्थान या प्रतिष्ठान के बेसमेंट में पानी भर गया है तो उसे निकालने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वहां डेंगू के लार्वा को नष्ट किया जाता है। यदि किसी के घर में डेंगू का लार्वा पाया जाता है तो सबसे पहले इसकी सूचना दी जाती है। दूसरी बार 200 से 500 रुपये का चालान बनता है। इतना करने के बाद भी अगर व्यक्ति नहीं मानता है तो आपको 10,000 रुपये तक की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। डॉ. अविनाश खन्ना ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष देहरादून में डेंगू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पिछले साल जुलाई के अंत में 50 से अधिक डेंगू के मरीज मिले थे, लेकिन इस बार इस माह एक-दो मरीज ही मिले हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर 70 हजार का जुर्माना
आशा एवं स्वयंसेवकों के माध्यम से देहरादून में 154 स्थानों पर डेंगू के लार्वा को नष्ट किया गया। इसके अलावा 29 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरों के बेसमेंट में पानी जमा होने पर उन पर 70,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया। स्कूलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों या अपार्टमेंटों के बेसमेंट और डेंगू लार्वा का निरीक्षण करने के लिए नगर निगम की तीन टीमें बनाई गई हैं, जो इन लोगों पर शिकंजा कस रही हैं।
प्लॉट मालिकों से संपर्क करने की चुनौती
डॉ. अविनाश खन्ना ने कहा कि देहरादून नगर निगम प्लॉट मालिकों को नोटिस भी जारी कर रहा है। प्लॉट में भरे पानी को खाली करने के लिए, लेकिन निगम के सामने यह भी चुनौती है कि दूर रहने वाले कुछ प्लॉट मालिकों से कैसे संपर्क किया जाए।