उत्तराखंड में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार और प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस पहल के तहत जनता को साइबर अपराधों से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने जानकारी दी कि साइबर अपराधी विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि ठगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरीकों में फिशिंग, वॉट्सएप, कॉल फ्रॉड, ईमेल स्कैम और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से धोखाधड़ी शामिल हैं।
आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि अगर वे किसी भी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय पर शिकायत दर्ज कराने से ठगी के मामलों का समाधान किया जा सकता है और अपराधियों को पकड़ने में सहायता मिलती है।
इसके अलावा, प्रशासन ने भी साइबर जागरूकता अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों, और सामुदायिक केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए जरूरी सावधानियों के बारे में जानकारी देना और उन्हें साइबर सुरक्षा के महत्व को समझाना है।
सरकार और प्रशासन की यह पहल राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।