15 दिन में पैसे दोगुने करने के नाम पर धोखा करने वाले अंतरास्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश

15 दिन में पैसे दोगुने करने के नाम पर धोखा करने वाले अंतरास्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश

विदेशी व्यापारियो द्वारा भारत के बैंक खातो के माध्यम से की जा रही ऑनलाईन धोखाधड़ी का पर्दाफाश

रेनबो समाचार न्यूज़ इंडिया * 08 जून 2021

देहरादून। आम जनता को Google Play Store पर मौजूद पावर बैंक नामक एप में निवेश कर पैसे दोगुना करने का लालच देकर ठगी करने वाले अन्तराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार।

साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु नित नये-नये तरीके अपना रहे है। वर्तमान में ऐसे कई प्रकरण प्रकाश में आ रहे है जिसमें साइबर अपराधियों द्वारा “पावर बैंक” नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन में पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे है।

इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ, जिसमें पीडित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार द्वारा साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून तथा राहुल कुमार गोयल निवासी कनखल हरिद्वार द्वारा शिकायत की गयी। जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हे उनके दोस्त द्वारा बताया गया कि पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते है। उसकी बातो में आकर शिकायतकर्दा द्वारा प्ले-स्टोर से पावर बैंक नामक ऐप डाउनलोड कर भिन्न-भिन्न तिथियो में क्रमशः 91,200/- (इकानब्बे हजार दो सौ) एवं 73,000/- (तिहत्तर हजार) रुपये जमा कराकर उनके साथ धोखाधडी की गयी। शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट में अभियोग पंजीकृत किया गया। विवेचना निरीक्षक महेश्वर पुर्वाल के सुपूर्द कर STF एवं साइबर थाने की संयुक्त टीम का गठन किया गया। उक्त प्रकार के अपराध के सम्बन्ध में जनपद टिहरी में भी एक अभियोग पंजीकृत है।

पुलिस टीम ने अपराधियों द्वारा प्रयुक्त किये गये मोबाइल फोन नम्बर व शिकायतकर्ता द्वारा धनराशि भुगतान का विवरण लेने के बाद सम्बन्धित दूरभाष कम्पनी, बैक व वॉलेट नोडल अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण किया गया। तकनीकि विश्लेषण में पाया गया कि समस्त धनराशि विभिन्न वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातो में भेजी जा रही थी। अभियोग में RAZORPAY एवं PAYU के माध्यम से पैसा ICICI बैंक के खाते तथा पेटीएम बैंक में स्थानान्तिरित कराये गये। साथ ही पता चला कि प्रतिदिन करोड़ो का लेन देन उक्त बैंक खातो में किया जाता है। साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा इन खातों का तकनीकी विश्लेषण करने पर देखा गया कि पेटीएम बैंक का खाता प्रमुख संदिग्ध खाता है। जिसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोयडा उ0प्र0 के द्वारा किया जा रहा है। यह भी सामने आया है कि यह पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन में रहा। जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातो में करीब 250 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी प्रकाश मे आया।

गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगो द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है। साइबर थाने एवं एसटीएफ की संयुक्त पुलिस टीम का गठन किया गया। अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु उ० प्र०, दिल्ली एनसीआर हेतु रवाना किया गया। STF/साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन की टीम द्वारा अथक मेहनत व लगन से देश भर में धनराशि दोगुना करने से सम्बन्धित संचालित ऐप के नाम पर लोगो का विश्वास जीतकर उनकी मेहनत की कमाई की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य को नोयडा सैक्टर 99 से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।
शिकायत में अभियुक्त द्वारा पावर बैंक एप के माध्यम से धनराशि निवेश करने तथा एक सदस्य से अन्य सदस्यो को जोड़ने पर अधिकतम लाभ का लालच देकर बहुत बड़ी धनराशि एकत्र की गय। जिस पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 3/21, 4/22 Banning of unregulated deposit Scheme act 2019 का अपराध कारित करना भी पाया गया।

अपराध का तरीका

यह भी प्रकाश में आया है कि कुछ विदेशी Businessman भारत में कुछ निवेशको से दोस्ती कर उनको भारत में विभिन्न व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देने के नाम पर जोड़ते है। साथ ही यह भी प्रकाश में आया है कि अपराधी पहले विभिन्न ऑनलाईन एप के माध्यम से लोन देते थे और फिर लोगो का विश्वास जीतकर रिचार्ज एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते है।

भारत के नागरिको के ही बैंक खाते और उनके मोबाईल नम्बर का प्रयोग किया जाता है। प्रारम्भ में कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किये जाते हैं जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार से इनका यह अन्तराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश में पैर पसार सके। प्रतिदिन करोड़ो रुपये कि धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातो में स्थानान्तरित कराकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करते है।

अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कम्पनियों के नाम से Registrar of Companies (ROC) में पंजीकृत है। इसी प्रकार 25 एप हैं जो संदिग्ध कार्य में लगी है। यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर यह विदेश भेजी जा रही है। जहां इसको स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है। इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा मे परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अन्तराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है। इस तरह के प्रकरण में 20 अन्य शिकायते भी प्राप्त हुयी है जिनका परीक्षण किया जा रहा है ।

गिरफ्तार अभियुक्तः का नाम पवन कुमार पाण्डेय पुत्र बनवारी पाण्डये निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्डमेंट सैक्टर 99 नोयडा उ0प्र0 बताया गया हैं।

अदृढ़ीओं से 19 लैपटॉप, 592 सिम कार्ड, 05 मोबाइल फोन, 04 ए0टी0एम0 कार्ड, 01 पासपोर्ट आदि बरामद किये गए।

अभियुक्त कि गिरफ्तारी एसटीएफ टीम उत्तराखंड द्वारा की गई।

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