भारत सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की कमी को रोकने के उद्देश्य से चलाए जा रहे एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत, उत्तराखंड राज्य के सभी जिलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में टिहरी जिले ने सबसे पहले 1,34,394 लोगों के एनीमिया जांच के लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जिससे वह उत्तराखंड का पहला जिला बन गया है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है।
एनीमिया मुक्त अभियान में टिहरी की सफलता
टिहरी जिले के 9 ब्लॉकों को 1,34,394 लोगों की एनीमिया जांच का लक्ष्य दिया गया था। जिले ने इस लक्ष्य से अधिक, कुल 1,36,610 लोगों का हीमोग्लोबिन (HB) परीक्षण किया। इस परीक्षण में 38,236 लोगों में हल्के एनीमिया के लक्षण पाए गए, जबकि 27,074 लोगों में मध्यम स्तर के एनीमिया के लक्षण देखे गए। इसके अलावा, 65,818 लोगों में एनीमिया की पुष्टि की गई और 508 लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गईं।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष तैयारी
टिहरी जिले में सभी गर्भवती महिलाओं का डाटा तैयार कर लिया गया है और उनके लिए एक रूटीन चेकअप चार्ट भी बनाया गया है। इसके तहत, गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी और उनके स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रखी जाएगी, ताकि सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जा सके। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के बारे में जानकारी और उचित उपचार की कमी के कारण कई महिलाओं की प्रसव के दौरान मृत्यु हो जाती है, इस अभियान का उद्देश्य इस स्थिति को रोकना है।
आयरन की कमी और एनीमिया
आयरन की कमी एनीमिया का मुख्य कारण है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं, किशोर लड़कियों, शिशुओं और छोटे बच्चों में। आयरन की कमी पुरुषों और पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में पाचन तंत्र में रक्तस्राव का संकेत हो सकता है, जबकि महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाला रक्तस्राव इसका प्रमुख कारण है।
टिहरी जिले की इस उपलब्धि से अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा मिलेगी, और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह अभियान और अधिक प्रभावी ढंग से चलाया जाएगा।