आईसीएआर-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून ने 09 अक्टूबर, 2024 को अपने ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र और सूचना एवं बिक्री काउंटर का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम आईआईएसडब्ल्यूसी अनुसंधान फार्म, सेलाकुई, देहरादून में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (एनआरएम), आईसीएआर, ने ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केंद्र, प्रशिक्षण छात्रावास और बिक्री-सह-जानकारी काउंटर का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने भाषण में कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग से उत्पन्न रोजगार संभावनाओं और पर्यावरण संरक्षण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक उबड़-खाबड़ भू-भाग और श्रमिकों की कमी जैसी समस्याओं के समाधान में सहायक हो सकती है।
डॉ. महेंद्र कुमार वर्मा, निदेशक, आईसीएआर-सीआईटीएच, श्रीनगर, ने इसे हिमालयी क्षेत्रों के लिए विशेष पहल बताया। डॉ. लक्ष्मी कांत, निदेशक, आईसीएआर-वीपीकेएएस, अल्मोड़ा ने पहाड़ी कृषि से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
डॉ. एम. मधु, निदेशक, आईआईएसडब्ल्यूसी, ने बताया कि यह प्रशिक्षण केंद्र डोर्नियर एविएशन, नई दिल्ली के सहयोग से स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कृषि, सर्वेक्षण और हवाई प्रबंधन के लिए अद्वितीय है।
डोर्नियर एविएशन के सीईओ, श्री आर.एस. सिंह ने बताया कि यह डीजीसीए द्वारा अनुमोदित तीसरा ड्रोन प्रशिक्षण केंद्र है। उन्होंने ड्रोन संचालन के लिए प्रशिक्षण और लाइसेंस की अनिवार्यता पर जोर दिया।
कार्यक्रम के अंत में, डॉ. पी.आर. ओजस्वी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। फील्ड दौरे और प्रदर्शन का आयोजन डॉ. एम. शंकर द्वारा किया गया।
यह केंद्र आधुनिक ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जो कृषि, बुनियादी ढांचे और आपदा प्रबंधन में युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
कार्यक्रम के दौरान दो अनुसंधान प्रकाशनों का विमोचन किया गया और वैज्ञानिकों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। अंत में महिला किसानों द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई और किसानों को संवर्द्धित बीज एवं कृषि किट वितरित की गई।