देवप्रयाग, टिहरी गढ़वाल— ओंकारानंद सरस्वती राजकीय महाविद्यालय में महिला यौन उत्पीड़न निवारण समिति द्वारा “कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013” पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य POSH अधिनियम 2013 के प्रावधानों को समझाना और कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना धपवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी का संचालन समिति की संयोजक डॉ. शीतल वालिया ने किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को POSH अधिनियम के उद्देश्य और प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. वालिया ने बताया कि यह अधिनियम कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और उनकी शिकायतों के समाधान के लिए एक सशक्त तंत्र प्रदान करता है।
संगोष्ठी में आंतरिक परिवाद समिति के गठन, इसकी प्रक्रिया और शिकायत दर्ज करने के लिए निर्धारित मेल आईडी के बारे में भी जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें घटना की तारीख से तीन माह के भीतर लिखित रूप में प्रस्तुत की जा सकती हैं।
प्राचार्य डॉ. अर्चना धपवाल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आंतरिक परिवाद समिति की कार्य प्रणाली से अवगत कराया और छात्रों को महिला सशक्तिकरण व अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम में समिति के सदस्य डॉ. अमित कुमार, डॉ. रश्मि, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। संगोष्ठी का समापन छात्रों के सवालों और जागरूकता की अपील के साथ किया गया।