देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोंग बांध पेयजल परियोजना पर तेजी से काम शुरू करने के लिए प्रभावित परिवारों के पुनर्वास कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। सचिवालय में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास प्रक्रिया को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्थानांतरित किए जा रहे परिवारों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा, सामुदायिक भवनों, मंदिरों और सड़कों जैसे ढांचों का निर्माण स्थानीय समुदाय की सहमति से किया जाए। बैठक में जमरानी बांध परियोजना की प्रगति को भी तेज करने के निर्देश दिए गए।
सोंग बांध परियोजना के लाभ
सोंग बांध पेयजल परियोजना का उद्देश्य देहरादून शहर के करीब 11 लाख निवासियों को प्रतिदिन 150 मिलियन लीटर पेयजल की आपूर्ति करना है। इससे क्षेत्र में भूजल स्तर में सुधार होगा और नलकूपों पर निर्भरता में कमी आएगी। इसके अतिरिक्त, परियोजना से बाढ़ नियंत्रण में मदद मिलेगी, जिससे देहरादून जिले के 10 गांवों के करीब 15 हजार निवासियों को हर साल आने वाली सौंग नदी की बाढ़ से राहत मिलेगी।
पर्यटन और पर्यावरण को भी लाभ
परियोजना के तहत बनने वाली करीब 3.50 किलोमीटर लंबी झील से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। झील से आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक सुंदरता बढ़ेगी, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार को प्रोत्साहित करेगी।
केंद्र से विशेष सहायता की मांग
मुख्यमंत्री धामी ने पिछले साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस परियोजना के लिए 1774 करोड़ रुपये की विशेष सहायता का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि परियोजना के लिए सभी तकनीकी, वन भूमि हस्तांतरण और अन्य आवश्यक स्वीकृतियां पहले ही प्राप्त की जा चुकी हैं। राज्य सरकार परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 247 करोड़ रुपये का खर्च वहन करेगी।
सोंग बांध परियोजना न केवल पेयजल आपूर्ति को सुचारु करेगी बल्कि पर्यावरण, पर्यटन और बाढ़ प्रबंधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को परियोजना की तय समय सीमा में पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।