हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में हिंदी साहित्य के महान कवि हरिवंश राय बच्चन की जयंती उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. गुड्डी बिष्ट पंवार की अध्यक्षता में साहित्यिक विमर्श और काव्यपाठ का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम मंे पूर्व विभागाध्यक्ष (रि. प्रो.) डॉ. मृदुला जुगरान का ऑनलाइन व्याख्यान दिया उन्होंने हरिवशं राय बच्चन के साहित्य और जीवन-दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चन केवल एक कवि नहीं थे, बल्कि वे हिंदी साहित्य में नवजागरण का प्रतीक थे। उनकी ‘मधुशाला’ ने साहित्य और जीवन-दर्शन के बीच एक अनोखा सेतु बनाया। प्रो. गुड्डी बिष्ट पंवार ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद प्रेषित किया और बच्चन के साहित्यिक योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि हरिवंश राय बच्चन का काव्य न केवल भावनाओं का प्रवाह है, बल्कि समाज और संस्कृति का गहन अध्ययन भी है। उनकी रचनाएँ जीवन के प्रत्येक पहलू को गहराई से अभिव्यक्त करती हैं। सहायक आचार्य डॉ. कपिल पंवार ने बच्चन की कविताएँ हमें जीवन के हर पहलू को सरलता और गहराई से समझने का मार्ग दिखाती हैं। वे प्रेम, पीड़ा, और आत्मा की खोज के कवि थे। डॉ. सविता मैठाणी ने उनके लेखन व काव्य को सामाजिक क्रांति का प्रतीक बताया और उनकी कविता का पाठ किया।
कार्यक्रम के दौरान हिंदी समेत अंग्रेजी, संस्कृत विभाग के छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों ने बच्चन की कविताओं का वाचन किया और अपने स्व-रचित काव्यपाठ से भी सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन शुभम थपलियाल ने किया तथा अंत में सहायक आचार्य श्री लवकेश कुमार ने सफल कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर शोधार्थी आकाशदीप, नवनीत, कविता, कोमल, प्रमोद, सोरभ, तरूण आदि मौजूद रहे।