उत्तराखंड के प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आज, 17 नवंबर को रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले भगवान बद्रीनाथ का विशेष श्रृंगार फूलों से किया जाएगा। यह परंपरा है कि कपाट बंद होने के दिन भगवान का श्रृंगार आभूषणों के बजाय फूलों से किया जाता है।
दिनभर श्रद्धालु भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करते रहेंगे, और मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद नहीं किया जाएगा। शाम 6:45 बजे विशेष पूजा आयोजित की जाएगी। इसके बाद, शाम 7:45 बजे रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की सखी के रूप में उन्हें मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे।
रात 8:10 बजे शयन आरती के बाद कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही भगवान बद्रीनाथ के गर्भगृह में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाएगी, जो पूरे शीतकाल के दौरान जलती रहेगी।
कपाट बंद होने के साथ ही मंदिर में अगले छह माह तक पूजा-अर्चना निचले हिमालयी क्षेत्रों में की जाएगी। श्रद्धालु शीतकाल में बद्रीनाथ के दर्शन के लिए जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर जा सकते हैं।