रेनबो न्यूज़ इंडिया * 1 नवंबर 2021
केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट मंगलवार को पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ शीतकाल के छह माह के लिए बंद किए जायेंगे। भुकुंट भैरव भैरवनाथ का मंदिर है, जो मंदिर से करीब 300 मीटर की दूरी पर है।भुकुंट भैरव केदारनाथ के क्षेत्रपाल देवता हैं। भैरवनाथ को भगवान केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजा जाता है। पुराणों में भी बताया गया है कि बिना भैरों के दर्शन के केदारनाथ की यात्रा अधूरी मानी जाती है। केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद एवं कपाट बंद होने से पहले जो भी पहला मंगलवार व शनिवार आता है, उसी दिन भैरवनाथ के कपाट खोले व बंद होने की परम्परा है। ये परंपरा केदारनाथ में सदियों से चली आ रही है। केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले मंगलवार व शनिवार को भैरवनाथ के कपाट बंद होने की परम्परा है,इसीलिए चारधाम देवास्थानम बोर्ड की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस वर्ष दो नवम्बर यानी मंगलवार को ठीक 11 बजे भैरवनाथ के कपाट बंद किये जायेंगे। इसके बाद शीतकाल के छह माह के लिए भैरवनाथ के कपाट बंद रहेंगे। प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्वाण ने बताया कि मंगलवार को विशेष पूजा-अर्चना और भोग लगाने के बाद भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
ऐसा माना जाता है कि यहां शीतकाल में केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा भगवान भुकुंट भैरव के भरोसे रहती है।सर्दियों में भुकंट भैरव ही केदारनाथ के मंदिर की रखवाली करते हैं।
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