कालसी ब्लॉक के एचला-फतेऊ गांव में 23 दिसंबर 2024 को आईसीएआर-भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून ने किसान दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम संस्थान की कृषि-ड्रोन परियोजना और जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) योजना के तहत आयोजित किया गया।
ड्रोन तकनीक के अनुप्रयोगों का प्रदर्शन
कार्यक्रम में प्रधान वैज्ञानिक और टीएसपी समन्वयक डॉ. एम. मुरुगनंदम ने किसानों को संबोधित किया और कृषि में ड्रोन तकनीक के लाभों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि ड्रोन के उपयोग से कृषि कार्य, विशेषकर बड़े क्षेत्रों में इनपुट का छिड़काव, तेज और सटीक तरीके से किया जा सकता है। यह तकनीक समय और श्रम की बचत के साथ दूरदराज और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी कारगर साबित होगी।
डॉ. एम. शंकर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, ने बताया कि कृषि और सर्वेक्षण ड्रोन खेती की उत्पादकता और संसाधन प्रबंधन को बेहतर बनाने में सहायक हैं। उन्होंने स्थानीय मिट्टी की गुणवत्ता का डेटा साझा करते हुए बताया कि किसानों द्वारा जैविक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी का स्वास्थ्य उत्कृष्ट बना हुआ है।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर जोर
कार्यक्रम में स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत, डॉ. मुरुगनंदम ने किसानों को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि घरों और पशु आश्रयों में सफाई से बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है।
डॉ. रामपाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक, ने पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों को बचाने के लिए सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की अपील की।
गांव के प्रगतिशील किसान और प्रधान, श्री चंदन सिंह चौहान ने ड्रोन प्रदर्शन और स्वच्छता अभियान की सराहना की। उन्होंने इसे कृषि उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरण सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण आईआईएसडब्ल्यूसी के तकनीकी सहायक श्री रविश सिंह द्वारा किया गया लाइव ड्रोन ऑपरेशन प्रदर्शन रहा। लगभग 75 किसान और महिला किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और ड्रोन तकनीक का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।