देहरादून, 23 फरवरी। देहरादून, 23 फरवरी। ग्राफिक एरा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि विज्ञान अँधेरे की तरफ ना ले जाये इसके लिए अध्यात्म जरूरी है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में साइंस, स्पिरिचुअलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी 2025 विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज आखिरी दिन था। संगोष्ठी के समापन सत्र को राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को अध्यात्म के प्रति प्रेरित करना जरूरी है ताकि उनके व्यक्तित्व का विकास हो सके। उन्होंने शिक्षकों से कहा की शिक्षा के साथ शास्त्रों के बारे में भी जानकारी दी जाए ताकि वे अध्यात्म से भी जुड़ सकें।
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पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ० अनिल जोशी ने कहा कि आज के युवाओं को भोगवादी सभ्यता से दूर रखना होगा ताकि संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके। डॉ० जोशी ने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि महाकुंभ अध्यात्म का एक प्रतीक है। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ० नरपिन्दर सिंह ने कहा कि विज्ञान समस्याओं का समाधान होगा लेकिन अध्यात्म चेतना से जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने कहा की छात्र-छात्राओं में अध्यात्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
कर्नल अजय कोठियाल ने छात्र-छात्राओं से माता-पिता के प्रति सम्मान रखने की बात कही। गांव सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल और अरविंदो सोसायटी की डायरेक्टर सिम्मी महाजन ने अध्यात्म से जुड़े विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पोस्टर प्रेजेंटेशन का भी आयोजन किया गया इसमें पहला स्थान श्वेता उपाध्याय ने हासिल किया। वहीं दूसरे स्थान पर प्रज्ञा मिश्रा और अनुराग मौर्य रहे। संगोष्ठी का आयोजन ग्राफिक एरा के डिपार्टमेण्ट ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस एण्ड डिपार्टमेण्ट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस ने इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी, एप्रोप्रियेट टेक्नोलॉजी इंडिया, सुमनदीप विद्यापीठ और फ्यूचर आईकान दिल्ली के सहयोग से किया।
कार्यक्रम में इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ सस्टेनेबिलिटी के चेयरपर्सन कुमार गौरव, डिपार्टमेण्ट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस की एचओडी डॉ० प्रभा लामा, एनवायरमेंटल साइंस की एचओडी डॉ० प्रतिभा नैथानी, डॉ० प्रदीप शर्मा, डॉ० सुमन नैथानी, डॉ० अर्चना बछेती, डॉ० निधि त्यागी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन छवि कौशिक ने किया।