देहरादून: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को घोषणा की कि उत्तराखंड को 2025-26 के रेल बजट में 4,641 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस राशि से राज्य में रेलवे नेटवर्क को विस्तार और मजबूती मिलेगी।
वर्चुअल माध्यम से उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस बार पूरे भारतीय रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। उत्तराखंड में वर्तमान में 216 किलोमीटर की तीन रेल परियोजनाओं पर काम जारी है, जिनकी कुल लागत 25,941 करोड़ रुपये है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना है, जिसका 49% कार्य पूरा हो चुका है।
प्रमुख रेल परियोजनाएं:
- ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन: 24,659 करोड़ रुपये की लागत, 49% कार्य पूरा।
- किच्छा-खटीमा रेल लाइन: 63 किमी लंबी, 228 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी।
- 11 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण: देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं, रामनगर, रुड़की और टनकपुर को 147 करोड़ रुपये की लागत से अमृत स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।
रेल मंत्री ने बताया कि 2014 से अब तक उत्तराखंड में 69 किलोमीटर नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं, जबकि 303 किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है। इससे पहले 2009-2014 के दौरान यह आंकड़ा शून्य था।
अन्य महत्वपूर्ण सुधार:
- राज्य की सभी रेलवे लाइनें अब पूरी तरह से बिजलीयुक्त हो गई हैं।
- 100 रेल फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण पूरा।
- 6 रेलवे स्टेशनों पर लिफ्ट और 14 एस्केलेटर की सुविधा।
- 31 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा उपलब्ध।
- उत्तराखंड में 2 वंदे भारत ट्रेनों की सफल सेवा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बजट आवंटन को प्रदेश के लिए ‘मील का पत्थर’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह 2009-14 की तुलना में 2,382% अधिक है, जिससे प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी को ऐतिहासिक बढ़ावा मिलेगा।