देहरादून। उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को विज्ञान की ओर प्रेरित करने और गुणवत्तापूर्ण विज्ञान शिक्षा को गांव-गांव तक पहुंचाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के शेष 9 जिलों के लिए मोबाइल साइंस लैब (लैब ऑन व्हील्स) की सौगात दी। उन्होंने कैंप कार्यालय परिसर में मोबाइल साइंस लैब में लगे विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया और 9 मोबाइल साइंस लैब को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पहले चरण की सफलता के बाद अब शेष जिलों में विस्तार
पिछले वर्ष पहले चरण में मुख्यमंत्री द्वारा चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून और पौड़ी जिलों के लिए इस परियोजना की शुरुआत की गई थी। उस चरण की सफलता को देखते हुए अब इसे उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में लागू किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
यूकास्ट (उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य प्रदेश के दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाना और छात्रों को प्रायोगिक शिक्षा से जोड़ना है।
मोबाइल साइंस लैब के माध्यम से कक्षा 6 से 10वीं तक के विद्यार्थियों को भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और गणित के मॉडल, प्रयोग और विज्ञान गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे विषयों को बेहतर ढंग से समझ सकें।
दूसरे चरण में 9 जिलों को मिलेगा लाभ
द्वितीय चरण के अंतर्गत जिन 9 जनपदों में यह पहल शुरू की गई है, वहां विद्यार्थियों को अब उनकी सुविधा पर मोबाइल लैब के जरिए आधुनिक प्रयोगशाला अनुभव मिलेगा।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव नितेश झा, साइंस सिटी सलाहकार जीएस रौतेला, यूकास्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डीपी उनियाल, परियोजना समन्वयक ई. जितेन्द्र कुमार सहित अगस्त्या इंटरनेशनल के प्रतिनिधि और प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक-छात्र भी उपस्थित रहे।