खरीफ फसलों की तैयारी: ICAR-IISWC वैज्ञानिकों ने 21 गांवों में 950 किसानों को किया जागरूक

खरीफ फसलों की तैयारी: ICAR-IISWC वैज्ञानिकों ने 21 गांवों में 950 किसानों को किया जागरूक

विकसित कृषि संकल्प अभियान (29 मई – 12 जून 2025) के अंतर्गत, जो कि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा आरंभ किया गया है और आईसीएआर, नई दिल्ली द्वारा संचालित किया जा रहा है, आईसीएआर–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (ICAR-IISWC), देहरादून की बहुविषयी वैज्ञानिक टीमों ने 30 मई 2025 को 21 गांवों का भ्रमण किया। इन टीमों ने लगभग 950 किसानों से संवाद कर खरीफ फसलों के लिए आवश्यक सावधानियों और राज्य रेखा विभागों तथा ICAR-IISWC द्वारा उपलब्ध बीजों एवं तकनीकी सहायता से संबंधित समर्थन तंत्रों के बारे में जागरूक किया।

वैज्ञानिक टीमों ने कृषि परामर्श सेवाओं (एग्री-एडवायजरी) पर विशेष बल दिया तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न कृषि समुदायों – जैसे लघु कृषक, महिला किसान, युवा एवं कृषि उद्यमियों – के सशक्तिकरण हेतु प्रारंभ की गई योजनाओं की जानकारी दी। चर्चा के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित रहे:

• कृषि में युवाओं की सहभागिता बनाए रखना • महिला किसानों की कृषि संबंधी कठिनाइयों को कम करना • संस्थागत समर्थन तंत्रों का प्रभावी उपयोग • पर्वतीय क्षेत्रों में मानसूनी अस्थिरता के अनुसार लचीली कृषि पद्धतियों को अपनाना • बाढ़ क्षति, जल अपरदन, भूमि क्षरण को कम करने तथा फसल और पशुधन उत्पादन को सुरक्षित रखने हेतु तकनीकी उपायों को अपनाना

आज का यह जनसंपर्क कार्यक्रम डॉ. श्रीधर पात्र (प्रधान वैज्ञानिक), इं. एस.एस. श्रीमाली (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. एम. शंकर (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. इन्धु रावत (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. उदय मंडल (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. रमन जीत सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक), डॉ. अनुपम भार (वैज्ञानिक) तथा उनकी टीमों – जिसमें डॉ. सादिकुल इस्लाम, डॉ. अभिमन्यु झाझरिया, श्री एम.एस. चौहान (सी.टी.ओ.), श्री राकेश कुमार (सी.टी.ओ.), इं. यू.सी. तिवारी (एस.टी.ओ.), इं. प्रकाश सिंह (एस.टी.ओ.), एवं श्री सोनू (टी.ए.) शामिल थे – के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

इस दौरान टीमों ने 14 ग्राम पंचायतों को कवर किया, जिनमें इचला, बमराड़, स्माल्टा, लालवाला खालसा एवं नौकड़ा ग्रांट प्रमुख रहे। महिला एवं युवा किसानों सहित बड़ी संख्या में कृषकों ने सहभागिता निभाई और कार्यक्रम की सफलता में अहम भूमिका अदा की।

पूरे 15-दिवसीय अभियान का समन्वय डॉ. बांके बिहारी (प्रधान वैज्ञानिक) द्वारा किया जा रहा है, जिनका सहयोग डॉ. एम. मुरुगनंदम (प्रधान वैज्ञानिक), श्री अनिल चौहान (सी.टी.ओ.), इं. अमित चौहान (ए.सी.टी.ओ.) एवं श्री प्रवीण तोमर (एस.टी.ओ.) द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यक्रम डॉ. एम. मधु, निदेशक, ICAR-IISWC के मार्गदर्शन में संचालित हो रहा है।

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