देहरादून, 1 जून 2025 — श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डॉक्टरों की सूझबूझ और कड़ी मेहनत के चलते एक गंभीर रूप से घायल मरीज की जान बचा ली गई। उत्तर प्रदेश के मंगलौर निवासी 45 वर्षीय मजदूर के गले में लोहे की छड़ आर-पार हो गई थी। यह हादसा उस समय हुआ जब वह निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे।
घटना के तुरंत बाद घायल को पहले एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन स्थिति की गंभीरता और सर्जरी की जटिलता को देखते हुए उन्हें श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. त्रिप्ती ममगाईं और उनकी विशेषज्ञ टीम ने ‘नेक एक्सप्लोरेशन’ नामक जटिल सर्जरी की योजना बनाई और समय रहते सफल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचा ली।
सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि गर्दन की नसें और मांसपेशियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त थीं। इंटरनल जुग्युलर वेन करीब 5 सेमी तक फट चुकी थी और एक प्रमुख तंत्रिका भी क्षतिग्रस्त थी। यदि समय पर इलाज न होता, तो मरीज की जान भी जा सकती थी।
इस सफल सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में डॉ. त्रिप्ती ममगाईं, डॉ. अरविंद वर्मा, डॉ. शरद हरनोट, डॉ. ऋषभ डोगरा, डॉ. फात्मा अंजुम, डॉ. हर्षित गुप्ता, डॉ. आरुषि कोठारी, एनेस्थीसिया से डॉ. रुबिना मक्कर, डॉ. तमिश और नर्सिंग स्टाफ से सिस्टर डोलमा व पिंकी शामिल रहीं।
डॉ. त्रिप्ती ममगाईं ने बताया कि इस तरह की जटिल सर्जरी में अनुभवी मेडिकल टीम की भूमिका बेहद अहम होती है। मरीज अब पूरी तरह से स्थिर है और सफल रिकवरी के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।