आज के दौर में पैन कार्ड (PAN Card) सिर्फ एक टैक्स दस्तावेज नहीं, बल्कि पहचान और वित्तीय गतिविधियों से जुड़ा अहम प्रमाण बन चुका है। चाहे बैंक खाता खोलना हो, लोन लेना हो, निवेश करना हो या आयकर रिटर्न भरना — पैन कार्ड हर कदम पर जरूरी होता है।
लेकिन अगर किसी व्यक्ति के पास दो पैन कार्ड हैं, तो यह आयकर अधिनियम के तहत अपराध माना जाता है। ऐसा करने पर ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्यों होता है दो पैन कार्ड होना अवैध?
PAN (Permanent Account Number) एक 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर होता है, जिसे आयकर विभाग व्यक्ति की टैक्स प्रोफाइल से जोड़ता है। इसका उद्देश्य देशभर में टैक्स और आर्थिक गतिविधियों की निगरानी रखना है। यदि एक ही व्यक्ति के नाम पर दो पैन कार्ड हैं, तो यह टैक्स चोरी को बढ़ावा देने का रास्ता बन सकता है। इसलिए हर नागरिक को सिर्फ एक ही PAN कार्ड रखने का अधिकार है।
कहां-कहां जरूरी है PAN कार्ड?
- इनकम टैक्स रिटर्न भरने में
- बैंक खाता खोलने और ऑपरेट करने में
- ₹50,000 से अधिक के नकद लेन-देन में
- निवेश (स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, बीमा) में
- क्रेडिट कार्ड या लोन लेने में
- पहचान प्रमाण के रूप में
गलती से दो पैन कार्ड बन गया है?
अगर आपने अनजाने में या गलती से दो पैन कार्ड बनवा लिए हैं, तो तुरंत एक कार्ड सरेंडर कर देना चाहिए। इसके लिए आप आयकर विभाग की वेबसाइट https://incometax.gov.in पर जाकर ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं या नजदीकी PAN सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
कैसे बचें जुर्माने से?
- सिर्फ एक PAN कार्ड रखें
- अगर गलती से दूसरा PAN कार्ड बन गया है तो तुरंत सरेंडर करें
- फाइनेंशियल और टैक्स डॉक्युमेंट्स में एक ही PAN नंबर का उपयोग करें