ऋषिकेश। पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई और नमामि गंगे प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर पर्यावरण जागरूकता रैली और गंगा आरती का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय परिसर से त्रिवेणी घाट तक संपन्न हुआ, जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राएं, शिक्षक और स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत, वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. कंचन लता सिंहा, कला संकायाध्यक्ष प्रो. डी.सी. गोस्वामी, डीएसडब्ल्यू प्रो. संगीता मिश्रा, प्रो. पी.के. सिंह, और प्रो. वी.एन. गुप्ता ने पौधारोपण कर “एक पौधा मां के नाम” अभियान की शुरुआत की।
कॉमर्स ब्लॉक, आर्ट ब्लॉक, प्रशासनिक भवन, खेल मैदान के किनारे नीम, बरगद, कचनार, शीशम, आंवला, बहेड़ा, जामुन आदि प्रजातियों के पौधे लगाए गए। प्रो. रावत ने कहा कि फलदार व उपयोगी पौधों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है ताकि वृक्षारोपण का उद्देश्य सार्थक हो और पर्यावरण संतुलन बना रहे। उन्होंने सभी छात्रों से अपने घर या पास-पड़ोस में एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने की अपील की।
वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मंडोला ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 2025 का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण” है। उन्होंने प्लास्टिक के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि प्रकृति प्रभावित होगी तो संपूर्ण जीवन प्रभावित होगा।
त्रिवेणी घाट पर छात्रों ने गंगा आरती कर घाट की सफाई की और उपस्थित तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को प्लास्टिक मुक्त जीवन के लिए प्रेरित किया। नमामि गंगे प्रकोष्ठ की ओर से कपड़े के थैले वितरित किए गए और प्लास्टिक के विकल्पों के प्रति जागरूकता फैलाई गई। एकत्रित प्लास्टिक को सुरक्षित तरीके से निपटाया गया।
इस अवसर पर सुषमा, सोनी, किरण, सरोज, पीयूष गुप्ता, सिमरन, संजना, अंजलि, महक, सुमन, इशिका, राधिका, शांति, सोनी कुमारी, स्वाति, शिवम सहित कई स्वयंसेवी सक्रिय रूप से शामिल रहे।
यह आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता का उदाहरण बना बल्कि प्रकृति के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने का संदेश भी दिया।