देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों में पंचायत चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है। मंगलवार को शासन ने पंचायतों में आरक्षण निर्धारण संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह आरक्षण ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के सभी पदों और स्थानों के लिए लागू होगा।
आरक्षण की सूची हुई जारी
पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, आरक्षण की प्रक्रिया 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर की गई है। आरक्षण की सूची क्रमशः अनुसूचित जनजातियों की महिलाएं, अनुसूचित जनजातियां, अनुसूचित जातियों की महिलाएं, अनुसूचित जातियां, पिछड़े वर्गों की महिलाएं, पिछड़े वर्ग और सामान्य महिलाओं के रूप में जारी की गई है।
बीएस वर्मा आयोग की रिपोर्ट बनी आधार
आरक्षण निर्धारण बीएस वर्मा (सेवानिवृत्त न्यायाधीश) की अध्यक्षता में गठित एकल सदस्य आयोग की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। आयोग ने 27 फरवरी 2025 को राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके बाद से शासन ने चुनाव संबंधी प्रक्रियाएं तेज कर दी हैं।
50% से अधिक नहीं होगा आरक्षण
नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों को दिया जाने वाला कुल आरक्षण पदों की कुल संख्या के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। यदि एससी और एसटी का आरक्षण 50% तक पहुंचता है तो ओबीसी वर्ग को कोई अतिरिक्त आरक्षण नहीं मिलेगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण इस प्रकार होगा:
- अनुसूचित जनजाति: 0 पद
- अनुसूचित जाति: 2 पद
- अन्य पिछड़ा वर्ग: 2 पद
प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा
चुनाव तैयारियों के बीच शासन ने वर्तमान में पंचायतों में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल भी बढ़ा दिया है, ताकि चुनाव सम्पन्न होने तक पंचायतों का संचालन निर्बाध रूप से होता रहे।
चुनाव जल्द कराए जाने के संकेत
इन तैयारियों से साफ है कि प्रदेश सरकार हरिद्वार को छोड़ बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव जल्द कराने की दिशा में गंभीर है। आरक्षण अधिसूचना के बाद अब चुनाव कार्यक्रम की घोषणा जल्द किए जाने की संभावना है।