‘बालिका वधू’ फेम छोटी आनंदी अविका गौर बनीं दुल्हन, नवरात्रि पर रचाई शादी – जानिए दूल्हे मिलिंद चंदवानी के बारे में

‘बालिका वधू’ फेम छोटी आनंदी अविका गौर बनीं दुल्हन, नवरात्रि पर रचाई शादी – जानिए दूल्हे मिलिंद चंदवानी के बारे में

एंटरटेनमेंट डेस्क: टीवी की दुनिया की सबसे प्यारी और खूबसूरत बाल कलाकारों में से एक रही ‘छोटी आनंदी’ यानी अविका गौर अब बड़ी हो चुकी हैं और रीयल लाइफ में दुल्हन बन गई हैं। मशहूर एक्ट्रेस अविका गौर ने मंगलवार 30 सितंबर को नवरात्रि के शुभ अवसर पर अपने मंगेतर मिलिंद चंदवानी (34) से विवाह कर लिया।

पांच साल से कर रहे थे डेट

अविका गौर (28) और मिलिंद चंदवानी (34) बीते पांच साल से रिलेशनशिप में थे। दोनों की उम्र में 6 साल का अंतर है। अब दोनों ने अपने रिश्ते को शादी के बंधन में बदल दिया। खास बात यह है कि इनकी शादी का जश्न टीवी शो ‘पति पत्नी और पंगा’ में भी दिखाया जाएगा।

अविका की खुशी छलकी

अपनी शादी को लेकर अविका गौर बेहद खुश नजर आईं। उन्होंने कहा –

“कई बार मुझे यह सच नहीं लगता और मैं खुद को याद दिलाती हूं कि यह वास्तव में हो रहा है। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे ऐसा जीवनसाथी मिला है, जो मेरा साथ देता है, मुझे समझता है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।”

“2008 से दर्शकों की नजरों में हूं”

अविका ने कहा कि उनकी जिंदगी के इस सबसे खास पल को लेकर परिवार भी उतना ही उत्साहित है। उन्होंने कहा –

“मैं 2008 से दर्शकों की नजरों में हूं। मुझे जो प्यार और आशीर्वाद मिला है, वह अभिभूत करने वाला है। यह शादी मेरे लिए सिर्फ एक भव्य समारोह नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत और भावनात्मक निर्णय भी है।”

“मेरी शादी बहुत भव्य होगी”

बचपन की यादें साझा करते हुए अविका ने कहा –

“मैं हमेशा अपने माता-पिता से कहती थी कि या तो मैं कोर्ट मैरिज करूंगी जिसके बारे में किसी को पता नहीं चलेगा, या फिर मेरी शादी बहुत भव्य होगी और पूरी दुनिया इसे मेरे साथ मनाएगी। अब यह सपना सच हो रहा है।”

कौन हैं अविका के दूल्हे मिलिंद चंदवानी?

अविका गौर के पति मिलिंद चंदवानी एक सोशल एक्टिविस्ट और एंटरप्रेन्योर हैं। वे एनजीओ ‘कैंप डायरीज’ के संस्थापक हैं।

  • मिलिंद ने IIM अहमदाबाद से MBA किया है।
  • उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इंफोसिस में आईटी प्रोफेशनल के रूप में की थी।
  • वे 2019 में MTV रोडीज रियल हीरोज में बतौर कंटेस्टेंट नजर आए थे, जिसके बाद उन्हें पहचान मिली।