अब सस्ती होगी बिजली, यूपीसीएल को मिलेगी बैटरी स्टोरेज सिस्टम की सुविधा, नियामक आयोग ने जारी किया ड्राफ्ट

अब सस्ती होगी बिजली, यूपीसीएल को मिलेगी बैटरी स्टोरेज सिस्टम की सुविधा, नियामक आयोग ने जारी किया ड्राफ्ट

देहरादून। उत्तराखंड में उपभोक्ताओं को जल्द ही महंगी बिजली से राहत मिलने वाली है। अब यूपीसीएल को पीक आवर्स में बाजार से महंगे दामों पर बिजली खरीदने की मजबूरी नहीं होगी। इसके लिए राज्य में ही बिजली को बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) में जमा किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा।

नया ड्राफ्ट जारी

नियामक आयोग ने इसके लिए यूईआरसी (नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों एवं गैर जीवाश्म-ईंधन आधारित सह उत्पादक स्टेशनों से विद्युत आपूर्ति हेतु शुल्क एवं अन्य निबंधन) (द्वितीय संशोधन) विनियम 2025 का ड्राफ्ट जारी किया है। इस पर आमजन से 3 अक्तूबर तक सुझाव मांगे गए हैं।

व्यवस्था में बदलाव

  • वर्ष 2023 में पुराने विनियम जारी हुए थे, लेकिन अब चूंकि यूजेवीएनएल और यूपीसीएल राज्य में BESS ला रहे हैं, इसलिए नए बदलाव किए जा रहे हैं।
  • यूपीसीएल ही निविदा प्रक्रिया को पूरा करेगा और यह भी तय करेगा कि बैटरी स्टोरेज सिस्टम व्यावहारिक है या नहीं।
  • बैटरी स्टोरेज लगाने वाली संस्थाओं को अब 8% के बजाय टैरिफ पर 5 पैसे प्रति यूनिट दिया जाएगा।

उपभोक्ताओं को लाभ

यूपीसीएल दिन में सस्ती दरों पर बिजली खरीदेगा और उसे बैटरी में स्टोर करेगा। शाम के पीक आवर्स में इस बिजली का इस्तेमाल किया जाएगा।

  • बैटरी से मिलने वाली बिजली की दर लगभग ₹5 प्रति यूनिट होगी।
  • जबकि वर्तमान में पीक आवर्स में बाजार से बिजली खरीदने की दर ₹12 प्रति यूनिट तक पहुंच जाती है।

यानी इस नई व्यवस्था से न केवल यूपीसीएल का वित्तीय बोझ घटेगा, बल्कि आम जनता को भी सस्ती बिजली का लाभ मिलेगा।