भारत के सम्मान और पहचान की भाषा है हिंदी |
भारत के जन – जन की भाषा, भारत की पहचान, सम्मान तथा गौरव की भाषा है हिंदी | हिंदी हमारे जीवन मूल्यों, आचार विचार, संस्कृति एवं संस्कारों की संवहक एवं परिचायक है | हिंदी भाषा विश्व की सभी भाषाओँ में सरल, स्पष्ट, सहज तथा सुगम होने के साथ साथ पूर्ण वैज्ञानिक भाषा भी है | आज सम्पूर्ण विश्व मैं हिंदी भाषा बोलने, लिखने एवं समझने के मामले में तीसरे स्थान पर है और वह दिन दूर नहीं जब हम सभी हिंदी प्रमियों के प्रयासों से हिंदी विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय भाषा होगी |
सन 1949 में भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी भाषा को भारत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया | भारतीय संविधान में देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिंदी भाषा को सन 1950 में अनुछेद 343 के अंतर्गत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया | हिंदी भारत की लोकप्रिय भाषा है तथा सम्पूर्ण भारत मैं हिंदी का प्रयोग सर्वाधिक किया जाता है, इसी लिए हिंदी को भारत मैं जन – जन की भाषा कहा जाता है |
किसी भी भाषा के उत्थान एवं प्रचार प्रसार हेतु उस भाषा का सर्वांगीण विकास करना आवश्यक होता है | वर्तमान परिपेक्ष मैं हम तकनीक, उद्यमिता, विज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य, तथा सतत विकास जैसे मुद्दों पर अधिक बात कर रहे हैं इन सभी महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी भाषा मैं अपनी बात रखने की आवश्यकता है जिससे की सम्पूर्ण विश्व हिंदी की महत्ता को समझना प्रारम्भ कर दे एवं हम भारतीय हिंदी को वो सम्मान दिलवा सकें जिसकी यह भाषा हकदार है |
वर्तमान समय कंप्यूटर इंटरनेट तथा सोशल मीडिया का समय है अधिकांश लोग अपना समय इन तीनो माध्यम पर व्यतीत करते हैं तथा संचार इन्ही माध्यमों पर किया जाता है । इस हिंदी दिवस पर हम आपसे एक विनम्र अपील करते हैं की अपनी हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए कंप्यूटर इंटरनेट तथा सोशल मीडिया पर हिंदी भाषा का सर्वाधिक प्रयोग कीजिए तथा अपने सभी संचारकर्ताओं से केवल हिंदी में ही संचार करने के लिए कहिए | मुझे पूर्ण विश्वास है कि शीघ्र अति शीघ्र हिंदी विश्व की प्रथम भाषा बनेगी और हम सभी हिंदी प्रेमियों को गर्व होगा की अपनी हिंदी भाषा को सम्मान दिलवाने मैं हमने भी अपनी भूमिका का अच्छे से निर्वहन किया इन्ही अपेक्षाओं के साथ की भारत जल्द ही विकसित देश बनेगा और हम सब की हिंदी भाषा विश्व की प्रथम भाषा बनेगी । आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाए |
डॉ. अनुराग शर्मा ।
सहायक आचार्य वाणिज्य संकाय
राजकीय महाविद्यालय कण्वघाटी कोटद्वार जिला पौड़ी गढ़वाल उत्तरखंड 246149