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उपलब्धि: उत्तराखण्ड के लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी बने सेंट्रल कमांड इन चीफ

उपलब्धि: उत्तराखण्ड के लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी बने सेंट्रल कमांड इन चीफ

रैनबो न्यूज़ * 1 अप्रैल 2021 

चमोली। उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने सेंट्रल कमांड में कमांडर इन चीफ का दायित्व संभाला है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उनकी इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी जनरल आइएस घुमन का स्थान लिया है। ले. जनरल घुमन 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने बृहस्पतिवार को सेना की सबसे अहम मध्य कमांड के कमांडर इन- चीफ का कार्यभार ग्रहण किया है। सात राज्यों तक फैला मध्य कमान उत्तराखंड सीमा से सटी चीन और नेपाल सीमा की सुरक्षा के साथ जवानों के प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाता है। मध्य कमान के अंतर्गत 18 बड़े रेजीमेंटल सेंटर हैं।

आपको बता दे कि लेफ्टिनेंट जनरलयोगेंद्र डिमरी चमोली जिले के जोशीमठ पैनखंडा रविग्राम निवासी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी को इंजीनियरिंग कोर में वर्ष 1983 में कमीशन प्राप्त हुआ था। वह एनडीए खड़गवासला और आइएमए देहरादून के एल्यूमनाई रह चुके हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी इससे पूर्व सेना की पश्चिमी कमान के चीफ आफ स्टाफ के पद पर तैनात रहे। सैन्य पृष्ठभूमि के अधिकारी डिमरी देश में राफेल विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हैं। उनके पिता मेजर भुवन चंद्र डिमरी सेना की गढ़वाल राइफल्स एवं आर्डिनस कोर में रहे। लेफ्टिनेंट जनरल डिमरी के छोटे भाई नौसेना मे हैं व बहनोई सेना में चिकित्सक पद पर हैं।

देहरादून में प्रशिक्षण के दौरान आर्डर आफ मेरिट में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर उन्हें राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से भी नवाजा गया। सेना में अपनी विशिष्ट सेवाओं के दौरान उन्होंने पश्चिमी बार्डर पर असाल्ट इंजीनियर रेजीमेंट, इंजीनियर बिग्रेड, लाइन आफ कंट्रोल पर इनफेंट्री बिग्रेड, काउंटर इनफिलट्रेशन और काउंटर इनसरजेंसी आपरेशन मे काउंटर इंसरजेंसी फोर्स के साथ रेगिस्तान में स्ट्राइक कोर का नेतृत्व किया। साथ ही उन्होंने कंबोडिया के यूएन मिशन में मिलिट्री आब्जर्बर के रूप मे भी कार्यरत रहे।

डिमरी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से बीएससी व बीटेक सिविल की उपाधि हासिल करने के उपरांत मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन मे स्नातकोत्तर तथा राष्ट्रीय विश्वविद्यालय ढाकाबांग्लादेश से रक्षा और युद्धनीतीज्ञ अध्ययन में मास्टर डिग्री हासिल की। उसके बाद मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एम फिल की उपाधि भी उन्होंने हासिल की।

उनकी पत्नी निधि डिमरी आर्मी स्कूल में पीजीटी रसायन की शिक्षिका रही हैं। इंजीनियर पुत्र मैत्रेय डिमरी बेंगलुरू में साफ्टवेयर कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। माता दमयंती डिमरी अधिकांश समय अपने मूल निवास रविग्राम जोशीमठ में रहती हैं।

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