डीआरडीओ द्वारा हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण, जानिए इसकी खूबियां

डीआरडीओ द्वारा हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण, जानिए इसकी खूबियां

रेनबो न्यूज़ * 1 अप्रैल 2021
दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय सेना के लिए नयी हल्के वजन वाली बुलेट प्रूफ जैकेट (बीपीजे) विकसित की है। इसका वजन मात्र नौ किलोग्राम है।
इसका विकास डीआरडीओ की लैब – डिफेंस मैटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (डीएमएसआरडीई), कानपुर ने किया है। लैब ने भारतीय सेना की गुणात्मक सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए हल्के वजन वाली बुलेट प्रूफ जैकेट (बीपीजे) विकसित की है।

डीआरडीओ सूत्रों ने बताया कि फ्रंट हार्ड आर्मस पैनल (एफएचएपी) जैकेट का परीक्षण चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल) में किया गया और इस परीक्षण ने प्रासंगिक बीआईएस मानकों को पूरा किया।

जैकेट टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल) के परीक्षण में सफल

डीआरडीओ सूत्रों ने बताया कि फ्रंट हार्ड आर्मस पैनल (एफएचएपी) जैकेट का परीक्षण चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल) में किया गया और इस परीक्षण ने प्रासंगिक बीआईएस मानकों को पूरा किया ।

इस महत्वपूर्ण विकास का महत्व इस तथ्य में निहित है कि बीपीजे के वजन में कमी का प्रत्येक ग्राम युद्धक्षेत्र में बने रहने के लिहाज से सैनिक का आराम बढ़ाने में महत्वपूर्ण है । इस तकनीक से मध्यम आकार के बीपीजे का वजन 10.4 से 9.0 किलोग्राम तक कम हो जाता है । इस उद्देश्य के लिए प्रयोगशालाओं में बहुत विशिष्ट सामग्री और प्रक्रमण प्रौद्योगिकियों का विकास किया गया है ।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और उद्योग को हल्के वजन वाली बीपीजे विकसित करने के लिए बधाई दी जिससे सैनिक और अधिक आराम महसूस कर पाएंगे । रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डीएमएसआरडीई टीम को इस निर्माण के लिए बधाई दी ।

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