कोविड ट्रीटमेंट की नई गाइडलाइन जारी, गाइडलाइन में प्लाज्मा थेरेपी का नाम नहीं

कोविड ट्रीटमेंट की नई गाइडलाइन जारी, गाइडलाइन में प्लाज्मा थेरेपी का नाम नहीं

  • AIIMS और ICMR की तरफ से Covid ट्रीटमेंट कि नई गाइडलाइन जारी

  • कोरोना के इलाज से प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया गया है

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 16 मई 2021

नई दिल्ली। कोरोना की पहली लहर में कोरोना पेसेंट्स के लिए कारगर मानी गई प्लाज्मा थैरेपी को केंद्र सरकार ने कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया है। कुछ दिन पहले कोविड पर बनी नैशनल टास्क फोर्स की मीटिंग में कहा गया था कि प्लाज्मा थेरेपी से फायदा नहीं होता है। हेल्थ मिनिस्ट्री के जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप ने कोविड-19 मरीजों के मैनेजमेंट के लिए रिवाइज्ड क्लीनिक गाइडलाइन जारी की है। इसमें प्लाज्मा थेरेपी का जिक्र नहीं किया गया है। गौरतलब है कि कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में अभी डॉक्टर्स प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

एम्स/आईसीएमआर-कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स/ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने एडल्ट कोरोना रोगियों के मैनेजमेंट के लिए क्लिनिकल गाइडेंस में बदलाव किया है। साथ ही ICMR ने कोविड उपचार प्रोटोकॉल के एक भाग के रूप में प्लाज्मा को हटा दिया है। कोविड-19 संबंधी आईसीएमआर-राष्ट्रीय कार्यबल की बैठक में बताया गया कि कोविड-19 के वयस्क मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी प्रभावी नहीं हैं अतः इसके इस्तेमाल को हटाया जाना चाहिए।

क्या होता है प्लाज्मा?

विशेषज्ञों के अनुसार, रक्त में रेड बल्ड सेल्स, व्हाइट बल्ड सेल्स और पीला तरल भाग मौजूद होता है। रक्त में मौजूद पीले तरल भाग को ही प्लाज्मा कहते हैं। प्लाज्मा का 92 फीसदी भाग पानी होता है। साथ ही इसमें पानी के अलावा प्रोटीन, ग्लूकोस मिनरल, हार्मोंस, कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद होते हैं। हमारे रक्त में तकरीबन 55 प्रतिशत प्लाज्मा मौजूद होता है। प्लाज्मा में बीमारी से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ मौजूद होती हैं, जो रोगी को बीमारी से उबरने में मदद करती हैं।

प्लाज्मा थेरेपी (Plasma therapy) क्या है?

प्लाज्मा थेरेपी को कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent plasma therapy) भी कहा जाता है। इस थेरेपी की मदद से कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता है। प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में डाला जाता है। कोविड संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बन चुके होते हैं। अतः ये एंटीबाडीज संक्रमित व्यक्ति में शरीर में इंजेक्ट कर संक्रमण से लड़ने में मददगार हो सकते हैं।

गौरतलब है की वर्तमान में कोरोना मरीजों के इलाज में डॉक्टर्स की सलाह पर प्लॉजा की मांग बहुत बढ़ गयी है। हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि क्या प्लाज्मा थेरेपी वास्तव में एक COVID रोगी को ठीक कर सकती है। जाकारी के अनुसार कुछ शोध से पता चला है कि यह प्लाज्मा थेरेपी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण से उबरने में मदद करता है। यह भी दावा किया गया है कि इससे मरीज की अस्पताल में भर्ती का समय काम हो जाता है।

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