अभूतपूर्व: पंजाब के किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त हुआ, गेहूं फसल के लिए 22,215.93 करोड़ रुपये पहले ही सीधे हस्तांतरित

अभूतपूर्व: पंजाब के किसानों को भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त हुआ, गेहूं फसल के लिए 22,215.93 करोड़ रुपये पहले ही सीधे हस्तांतरित

केंद्र सरकार की देखरेख में भारतीय खाद्य निगम और अन्य एजेंसियों ने 10 मई, 2021 तक अपने केंद्रीय पूल में 341.77 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की है, जबकि पिछले वर्ष इसी समान अवधि में 252.50 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदा गया था

रेनबो न्यूज़ इंडिया । 11 मई 2021
दिल्ली: यह पहली बार है जब, पंजाब के किसानों ने अपनी गेहूं की फसल की बिक्री के एवज में सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करना शुरू कर दिया है। लगभग 22,215.93 करोड़ रुपये पहले ही पंजाब के किसानों के खातों में सीधे भेजे जा चुके हैं।

साथ ही मौजूदा रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2021-22 में, भारत सरकार वर्तमान मूल्य समर्थन योजना के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रबी फसलों की खरीद कर रही है।

गेहूं की खरीद का कार्य पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में सुचारू रूप से चल रहा है। 10 मई, 2021 तक 341.77 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है। जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 252.50 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदा गया था।

इसके साथ ही मई 10 तक कुल 341.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद में से पंजाब का योगदान 129.35 एलएमटी के साथ 37.84 प्रतिशत, हरियाणा का 80.80 एलएमटी (23.64 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश का 97.54 एलएमटी (28.53 प्रतिशत) योगदान रहा है। लगभग 34.57 लाख गेहूं किसानों को वर्तमान में चल रहे गेहूं खरीद कार्यों से पहले ही लाभान्वित किया जा चुका है।

साथ ही रबी विपणन सत्र 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य क्रियान्वयन जोरों पर है। इसके आलावा मिशन “एक राष्ट्र, एक एमएसपी, एक डीबीटी” अब पूर्ण रूप ले रहा है।

इस वर्ष से, सार्वजनिक खरीद के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ चुका है जब हरियाणा और पंजाब सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के अप्रत्यक्ष भुगतान से अलग हट कर भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी खरीद एजेंसियों द्वारा किसानों के बैंक खातों में ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने का कार्य शुरू कर दिया है। इस सुविधा के चलते पंजाब और हरियाणा के किसान पहली बार भुगतान के लिए इस ऑनलाइन व्यवस्था का फायदा उठा रहे हैं क्योंकि किसान अब गेहूं की बिक्री के एवज में “एक राष्ट्र, एक एमएसपी, एक डीबीटी” के अंतर्गत बिना किसी देरी के प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

अब तक पंजाब के किसानों के खाते में लगभग 22,215.93 करोड़ रुपये और हरियाणा किसानों के खाते में लगभग 12,384.11 करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किए गए हैं।

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