- बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच करने पहुंची NHRC की टीम
- टीम ने कहा हम पर भी गुंडे कर रहे हैं हमला
- हिंसा की जांच के लिए जादवपुर गई एनएचआरसी की टीम पर कुछ लोगों ने किया हमला
- NHRC के अधिकारी ने कहा- जांच के दौरान पता चला है कि जाधवपुर में 40 से ज्यादा घर तबाह हो गए
- NHRC के सदस्य आतिफ रशीद के साथ बदसलूकी, हमले जैसी घटना को लेकर किए ट्वीट
रेनबो न्यूज़ इंडिया * 29 जून 2021
पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में चुनाव के परिणाम आने के बाद बाहुई हिंसा की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जांच करने को बंगाल पके दौरे पर आयी है। यह टीम मंगलवार को जादवपुर पहुंची, इस दौरान आयोग की टीम ने कहा कि यहां उन पर भी गुंडों की ओर से हमला किया जा रहा है। आयोग के एक जाँच अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि चुनाव के बाद हुई हिंसा में 40 से ज्यादा घरों को तबाह कर दिया गया।
यह क्या हो क्या रहा है पश्चिम बंगाल में?
— Debabrata Dutta (@Debabrata4554) June 29, 2021
Watch “Atif Rasheed 3.mp4” on #Vimeo https://t.co/D0ZLi9OpxM
टीम के सदस्यों ने बताया कि हमें भी यहां गुंडों के हमले झेलने पड़ रहे हैं। उधर, NHRC के सदस्य आतिफ रशीद के साथ भी बदसलूकी की गई। आतिफ रशीद ने पूरी घटना को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट भी किए हैं। इसमें कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं के टूटे घरों को दिखाया गया है।
Mr Atif Rasheed, who went to Jadavpur as a member of the Fact-Finding Committee constituted by the HC (As a Vice Chairman of Minority Commission) finds BJP houses burnt and vandalised. He has been threatened by TMC goons.#politicalviolence
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) June 29, 2021
We spoke to Mr Rasheed. Story soon. pic.twitter.com/ToLVxBvjND
इस बीच राज्यसभा सांसद स्वप्न दास गुप्ता ने एनएचआरसी के सदस्य राजीव जैन को पत्र लिखकर बंगाल की हिंसा को लेकर चिंता जताई। दासगुप्ता ने पत्र में लिखा कि “मैं आपको ध्यान दिलाना चाहता हूं कि यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। तारकेश्वर में लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। चुनाव के इतने दिन बाद भी उन पर हमले हो रहे हैं। इसकी वजह कुछ और नहीं है बल्कि उनके राजनीतिक चुनाव के चलते यह किया जा रहा है।’
कोलकाता हाई कोर्ट की ओर से 18 जून को दिए गए आदेश के तहत एनएचआरसी ने 7 सदस्यों की टीम का गठन किया है। रविवार से ही यह टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर है और चुनाव के बाद हुई हिंसा की शिकायतों की जांच कर रही है और पीड़ितों से मुलाकात कर रही है।
इस वीडियो को देखिये कैसे वेस्ट बंगाल के जाधवपुर में दंगाई CISF के जवानों के साथ भी मार पीट कर रहें हैँ मुझ तक पहुँचने के लिए CISF के जवानों की मौजूदगी में इनकी इतनी हिम्मत है तो आम आदमी जिसका क़ुसूर सिर्फ इतना था की उसने apni मर्ज़ी से वोट किया तो उसका क्या हाल कर रखा होगा ! pic.twitter.com/9zvnHLMSCe
— Atif Rasheed (@AtifBjp) June 29, 2021
CISF के जवानों के साथ भी मारपीट करते दिखे दंगाई
एनएचआरसी के सदस्य आतिफ रशीद ने ट्वीट करके बताया, ‘इस वीडियो को देखिये कैसे वेस्ट बंगाल के जादवपुर में दंगाई CISF के जवानों के साथ भी मारपीट कर रहे हैं। मुझ तक पहुंचने के लिए CISF के जवानों की मौजूदगी में इनकी इतनी हिम्मत है तो आम आदमी जिसका क़ुसूर सिर्फ इतना था की उसने अपनी मर्ज़ी से वोट किया तो उसका क्या हाल कर रखा होगा!’
वेस्ट बंगाल के जाधवपुर मे दलित समाज के जले हुए टूटे हुए घरों की तस्वीरें इन घरों के लोग यहाँ से दो महीने से पलायन कर चुके हैँ गुनाह सिर्फ इतना अपनी मर्ज़ी से वोट देना हम सच जानने गए तो हम पर भी हमला किया गया यह लोग हमें मारने को चढ़ रहे हैँ तो वह ग़रीब,दलित का क्या हाल किया होगा! pic.twitter.com/6RAR1IRAM6
— Atif Rasheed (@AtifBjp) June 29, 2021
जादवपुर में दलित समाज के जले मिले घर
आतिफ रशीद ने कहा, ‘वेस्ट बंगाल के जादवपुर में दलित समाज के यह जले हुए टूटे घरों की तस्वीरें हैं। इन घरों के लोग यहां से दो महीने से पलायन कर चुके हैं। इनका गुनाह सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपनी मर्ज़ी से वोट दिया। हम सच जानने गए तो हम पर भी हमला किया गया। जो लोग हमें मारने को चढ़ रहे हैं तो वह ग़रीब, दलित का क्या हाल किया होगा?’
Part of the NHRC panel, Atif Rasheed, the vice-chairman of the minority commission, attacked by TMC goons, when he discovered 40 houses of BJP workers that were burnt down in post poll violence. WB Police simply disappeared when he was gheraoed. https://t.co/Lf4CfJShLH
— Prithish Das🇮🇳 (@2prithish) June 29, 2021
एनएचआसी (NHRC) अधिकारी के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार समिति और आयोग के कई दल राज्य के विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हैं और आरोपों की जांच कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 18 जून को निर्देश दिया था कि समिति आगे उठाये जाने वाले कदमों के बारे में भी सुझाव देगी, ताकि कथित पीड़ित अपने घरों में शांतिपूर्वक रह सकें तथा अपना रोजगार या कारोबार कर सकें।
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