भैरव सेना की बैठक आयोजित, कई मुद्दों पर हुई अहम्  चर्चा

भैरव सेना की बैठक आयोजित, कई मुद्दों पर हुई अहम् चर्चा

देहरादून। भैरव सेना की बैठक लैंसडाउन चौक स्थित उज्जवल रेस्टोरेंट में जिला अध्यक्ष शैलेंद्र डोभाल की अध्यक्षता में आहूत की गई जिसमें व्यवस्थापक जिला संयोजक सौरभ पार्छा तथा मुख्य वक्ता संगठन अध्यक्ष संदीप खत्री उपस्थित रहे।

बैठक में सर्वप्रथम उत्तराखंड आंदोलन के बलिदानियों का स्मरण किया गया। साथ ही उनके सपने साकार करने का संकल्प लेकर जयघोष के नारों का उद्घोष किया गया। तत्पश्चात बैठक में आगामी कार्यक्रमों की चर्चा की गई जिसमें देवस्थानम एक्ट का विरोध, उत्तराखंड में भू-अध्यादेश कानून की मांग, लव जिहाद पर अति शीघ्र कानून बनाना तथा लछीवाला टोल प्लाजा को स्थानांतरित कर उत्तराखंड की सीमा पर लगाने तथा संभव ना हो तो उत्तराखंड के लोगों को निशुल्क आने जाने की सुविधा पर विचार किया जाना। साथ ही कार्यवाही न होने पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई।

भैंरव सेना संगठन अध्यक्ष संदीप खत्री तथा अन्य संस्थापकों की सहमति पर राज्य आन्दोलनकारी एवं हिंदुत्व के पुरोधा ब्रह्मचारी हरिकिशन किमोठी को संगठन का राष्ट्रीय प्रचारक बनाया गया। साथ ही संगठन को और अधिक मजबूती देने के उद्देश्य से संगठन का विस्तार करते हुए संगठन अध्यक्ष संदीप खत्री तथा प्रदेश महासचिव आचार्य उमाकांत भट्ट की संस्तुति पर जिला अध्यक्ष शैलेंद्र डोभाल के द्वारा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष वन्दना रावत, महानगर अध्यक्ष अशोक पंडित, महानगर महासचिव मनिंदर बिष्ट, धर्माचार्य उपेंद्र पंत, संगठन महामंत्री संजीव तयाल, उपाध्यक्ष सुधीर नेगी, छात्र अध्यक्ष मोहित बर्त्वाल, गौ-सेवा अध्यक्ष अमित तनेजा सुरक्षा प्रमुख जितेन्द्र बिष्ट, सहित दो दर्जन से अधिक सनातनी युवाओं को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।

नवनिर्वाचित संगठन के राष्ट्रीय प्रचारक ब्रह्मचारी हरिकिशन किमोठी ने स्पष्ट तथा आक्रामक रूप से कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देवताओं की उद्गम स्थली है। यहां पर सनातन विरोधी गतिविधियां किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा यह हिंदुओं का स्थल है यहां पर गैर सनातनीयों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करना आवश्यक है। अन्यथा इनके द्वारा किए गए कुकर्मों से जिस तरह से पहले भी देव भूमि को आपदाओं का सामना करना पड़ा और इसका शिकार उत्तराखंड की भोली भाली जनता हुई। उसकी पुनरावृत्ति होने में समय नहीं लगेगा।

संगठन महासचिव उमाकांत भट्ट ने कहा कि संगठन उत्तराखंड में निरंतर रूप से विस्तार की ओर अग्रसर है और आने वाले दिसंबर तक 1,00,000 सदस्य बनाने का प्रयास है। बैठक में उपस्थित सदस्य तथा सभी नवनिर्वाचित सदस्यों के द्वारा उत्तराखंड की रक्षा और संस्कृति का प्रचार प्रसार का संकल्प तथा उत्तराखंड आंदोलनकारीयों का स्मरण कर धन्यवाद कर बैठक का समापन किया गया।

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