शुभारम्भ: कोरोनाकाल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए अब मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का सहारा

शुभारम्भ: कोरोनाकाल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए अब मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का सहारा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डीबीटी द्वारा योजना में चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में 3-3 हजार रुपए की सहायता राशि ट्रांसफर की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों के माता-पिता व संरक्षक के चले जाने की भरपाई करना मुमकिन नहीं है। परंतु राज्य सरकार एक अभिभावक की तरह उनका हमेशा ध्यान रखेगी। जिलों में डीएम इनके सह-अभिभावक के रूप में काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी इन बच्चों के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, पूरे मनोयोग से करें। ऐसे बच्चों की सहायता करने से पुण्य प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन बच्चों के मामा की तरह ध्यान रखेंगे। कोरोना काल में जिन बच्चों की आंखों में आंसू आए हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रहे हैं।

अनाथ बच्चों के लिए नौकरियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था

सीएम ने कहा कि हम इनकी पूरी देखभाल करेंगे। ये बच्चे पूरे प्रदेश की पहचान बनेंगे और अपने-अपने क्षेत्र में वे लीडर बनेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आच्छादित बच्चों को प्रतिमाह 3 हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें निशुल्क राशन, निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है। जिलों के डीएम इन बच्चों की संपत्ति का संरक्षण भी करेंगे। अनाथ बच्चों के लिए नौकरियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। सरकार इन बच्चों के कौशल विकास पर भी ध्यान देगी।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पीड़ा को मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने समझा है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करती है। यह योजना बच्चों को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सशक्त करेगी। सरकार इनके अभिभावक की भूमिका का निर्वाह कर रही है।

01 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 के बीच प्रभावित हुए बच्चों को मिलेगा लाभ 

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि दिनांक 01 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक कोविड-19 महामारी एवं अन्य बीमारियों से पिता/माता/संरक्षक की मृत्यु अथवा माता-पिता में से कमाऊ सदस्य की मृत्यु के कारण जन्म से 21 वर्ष तक के प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, चल अचल सम्पत्ति, उत्तराधिकारों एवं विधिक अधिकारों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना लागू की गयी है। इस योजना में आच्छादित बच्चों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता 01 जुलाई, 2021 से 21 वर्ष की आयु तक अनुमन्य की गयी है।

सरकार द्वारा प्रभावित बच्चों के भरण-पोषण, सुरक्षा एवं सर्वांगीण विकास का दायित्व लिया जा रहा है। उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक संरक्षण प्रदान करने हेतु प्रतिमाह रूपए  3000/- की आर्थिक सहायता दी जा रही हैं। उन्हें शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुर्नवास, चल-अचल सम्पत्ति, उत्तराधिकारों एवं विधिक अधिकारों की रक्षा हेतु संरक्षक अधिकारी नामित किया गया है।

21 वर्ष तक की आयु के कुल 2347 बच्चे चिन्हित 

क अगस्त 2021 तक जन्म से 21 वर्ष तक की आयु के कुल 2347 बालक/बालिका चिन्हित किये गये है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के शुभारंभ के अवसर पर प्रथम चरण में कुल 1062 बच्चों को लाभान्वित किया जा गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के संचालन हेतु एमआईएस पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें समस्त बच्चों का विवरण जनपदों द्वारा ऑनलाइन भरा जायेगा। 

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत प्रतिमाह 3 हजार रुपए के मानकानुसार जुलाई, 2021 से प्रारम्भ करते हुए निदेशालय द्वारा पीएफएमएस के माध्यम से डीबीटी सीधे चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में धनराशि भेजी जायेगी।

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