रेनबो न्यूज़ इंडिया* 5 जनवरी 2022
भारतीय सेना ने नए साल के मौके पर लद्दाख की गलवान घाटी में तिरंगा फहराया। यह कदम मीडिया के उस हिस्से की खबरों के बीच आया है जिसमें दावा किया गया था कि चीनी सैनिकों ने कुछ दिन पहले इस क्षेत्र में अपना झंडा दिखाया था।
Highlights
- अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का “नाम बदलने” की मांग की थी।
- सीमावर्ती राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा।
- कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता गतिरोध में समाप्त हो गई है।
नई दिल्लीः सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने मंगलवार को नए साल के जश्न के हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एक बड़ा तिरंगा पकड़े भारतीय सेना के जवानों की तस्वीरें जारी कीं।
इसे चीन के सरकारी मीडिया द्वारा जारी उस वीडियो के जवाब में ”जैसे को तैसा” की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें तीन दिन पहले गलवान घाटी क्षेत्र के पास एक स्थान से चीनी लोगों को नए साल की बधाई भेजने वाले पीएलए सैनिकों का एक कथित वीडियो साझा किया गया था।
Indian Army unfurls national flag in Galwan valley on New Year
— ANI Digital (@ani_digital) January 4, 2022
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तस्वीरों को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, “नव वर्ष 2022 के अवसर पर गलवान घाटी में भारतीय सेना के बहादुर जवान।” वहीं, कांग्रेस ने चीन द्वारा कथित रूप से गलवान घाटी में अपना झंडा फहराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के मामले में केंद्र सरकार पर हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि इस मामले पर ‘चुप्पी साधकर’ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश की सेना का मनोबल तोड़ रही है।
चीनी सरकारी मीडिया की ओर से एक जनवरी को साझा किए गए एक वीडियो में कथित तौर पर चीनी सैनिकों को गलवान घाटी से चीन के लोगों को नए साल का बधाई संदेश भेजते दिखाया गया है जोकि ”एक इंच भी जमीन नहीं देंगे” का संकल्प लेते सुने जा सकते हैं। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक जिस जगह नए साल का जश्न मना रहे थे वह गलवान घाटी क्षेत्र के पास चीन की तरफ एक अंदरुनी इलाका है और यह 15 जून को हुए घातक संघर्ष के बाद क्षेत्र में बनाए गए बफर जोन के करीब नहीं है।
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों द्वारा जारी की गई तस्वीरों में से एक में करीब 30 भारतीय सैनिकों को राष्ट्र ध्वज के साथ देखा जा सकता है। एक अन्य तस्वीर में समूह को दिखाया गया है जिसमें चार लोग राष्ट्र ध्वज पकड़े हुए हैं और एक अन्य तिरंगा एक अस्थायी निगरानी चौकी से सटे ध्वजदंड पर लहरा रहा है। सूत्रों ने बताया कि यह तस्वीर गलवान घाटी में एक जनवरी को ली गई थी।
भारतीय और चीनी सैनिकों ने एक जनवरी को पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के 10 सीमा बिंदुओं पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया, जिसे पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद के बीच गर्मजोशी भरे संकेत के रूप में देखा गया था।
एक तरफ जहां भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान द्वारा मिठाई के आदान-प्रदान और नये साल की शुभकामनाएं की तस्वीरें साझा की गईं तो वहीं चीन ने कथित वीडियो साझा किया। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के इलाके में पांच मई 2020 को दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं की बीच गतिरोध पैदा हो गया था। दोनों ही सेनाओं ने उस इलाके में अपने हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती की थी।
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