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टिहरी जिले के युवक ने किया ग्राउंड एप्पल का सफल उत्पादन

टिहरी जिले के युवक ने किया ग्राउंड एप्पल का सफल उत्पादन

टिहरी: टिहरी जिले में चंबा ब्लाक के ग्राम मंज्यूड़ निवासी संतोष नेगी ने स्वरोजगार के क्षेत्र में हाथ आजमाते हुए उन्होंने ग्राउंड एप्पल की खेती का सफल उत्पादन किया है। यह फल शकरकंद की तरह दिखता है। ग्राउंड एप्पल को छिलका उतारकर खाया जाता है। इसका स्वाद सेब कि तरह मीठा होता है। बाजार में यह फल दो से ढाई सौ रुपये किलो तक बिकता है और डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी यह फल बेहद उपयोगी होता है।

संतोष नेगी ने इंटरमीडिएट और आईटीआई कर स्वरोजगार के क्षेत्र में हाथ आजमाते हुए कृषि, पशुपालन, मशरूम उत्पादन कर अच्छी खासी आय अर्जित कर रहे है, लेकिन अब उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी के वैज्ञानिकों के सहयोग से ग्राउंड एप्पल की खेती का उत्पादन भी शुरू कर दिया है।

संतोष नेगी ने उत्तरकाशी के एक किसान से ग्राउंड एप्पल का बीज लाकर करीब एक नाली भूमि में लगाया, जिससे अब धीरे-धीरे उत्पादन शुरू हो गया है। ग्राउंड एप्पल जो कि शकरकंद की तरह दिखता है,और साथ ही स्वाद में मीठा होता है।संतोष अब 1 किलो बीज पर 40 से 50 किलो तक उत्पादन कर रहे हैं । इस फल का वजन 200 ग्राम से लेकर आधा किलो तक होता है। एक पौधे से लगभग 3 से 5 किलो तक का उत्पादन होता है। उन्होंने शुरूआती दौर में अभी तक दो क्विंटल ग्राउंड एप्पल का उत्पादन कर चुके हैं। बाजार में दो सौ रुपये किलो ग्राउंड एप्पल बिक्री हो रहा है। ग्राउंड एप्पल को छिलका उतारकर खाया जाता है। पौष्टिकता से भरपूर इस फल से जैम, जूस और चटनी भी बनाई जाती है। मार्च में इसका बीज बोने के बाद गोबर की खाद डालकर खेत को छोड़ दिया जाता है। कुछ समय बाद पौधा अंकुरित होकर दिसबंर में फसल तैयार हो जाती है।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी वैज्ञानिक आलोक येवले ने बताया कि यह फल दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वत क्षेत्र में पाई जाती है। इसके कंद/जड़ और पत्तियों के औषधीय गुणों के कारण इसकी खेती का प्रसार न्यूजीलैंड, यूरोप, जापान और अन्य देशों में भी हुआ है, जबकि भारत में हिमाचल और उत्तराखंड राज्य में कम मात्रा में प्रगतिशील किसान ही इसकी खेती करते हैं। टिहरी जिले में संतोष पहला व्यक्ति है कि जिसने ग्राउंड एप्पल का उत्पादन शुरू किया है।

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