रेनबो न्यूज़ इंडिया * 26 मई 2022
बुढ़ापे में मां-बाप का सहारा बनने के बजाय उन्हें प्रताड़ित करने वाले बच्चों के खिलाफ हरिद्वार की एसडीएम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है।कोर्ट ने 6 ऐसे बुजुर्गों के बच्चों को ना केवल अपने माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का आदेश सुनाया, बल्कि एक माह के भीतर उन्हें माता-पिता का मकान भी खाली करने का सख्त आदेश दिया है।
ये है मामला: छह बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया था। बुधवार को एसडीएम पूरण सिंह राणा इन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद में रहने वाले छह बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में दायर वाद में बताया कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं, लेकिन न तो उनकी कोई सेवा करते हैं और न ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीट कर प्रताड़ित करते हैं। जिसके चलते उनका जीवन नर्क से भी बदतर हो गया है। वरिष्ठ नागरिकों की ओर से अपने बच्चों से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी।इन बच्चों को अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी।एसडीएम पूरन सिंह राणा ने इस मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस को सख्त हिदायत दी है कि यदि 1 माह के भीतर यह कलियुगी बच्चे अपने माता-पिता का मकान खाली नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
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