देहरादून, 18 अक्टूबर। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में पौधों के जीन और जीनोम के उपयोग पर पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हुई। इस वर्चुअल कार्यशाला का आयोजन यूरोपियन बायोइनफॉर्मेटिक्स इंस्टीट्यूट, कैम्ब्रिज, यूके की यूरोपियन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैबोरेट्री के सहयोग से किया जा रहा है।
कार्यशाला का उद्देश्य शोधकर्ताओं को कृषि में बायोइनफॉर्मेटिक्स के महत्व के बारे में जानकारी देना और कृषि संबंधी उसके उपयोग के बारे में बताना है। इसके लिए कार्यशाला में शोधकर्ताओं को यूरोपियन बायोइनफॉर्मेटिक्स इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित जीनोम ब्राउजर, इएनएसएफएमबीएल के बारे में और उसमें इकट्ठे विश्व भर के जीनोम डाटा को अपने शोध में शामिल करने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें जीनोम एडिटिंग सॉफ्टवेयर पर काम करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
कार्यक्रम का श्रीगणेश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० जे० कुमार ने किया। इएनएसएफएमबीएल आउटरीच ऑफिसर डॉ० लाउसी मिराबियुनो ने इएनएसएफएमबीएल जीन्स और ट्रांसइस्कृप्ट के बारे में बताया। इएनएसएफएमबीएल आउटरीच आफिसर डॉ० बेंजामिन मूरी ने शोधकर्ताओं को इएनएसएफएमबीएल वेरिएंट्स डाटा और वेरियेन्ट इफेक्ट प्रेडिक्टर की विस्तृत जानकारी दी।
पांच दिवसीय कार्यशाला में इएनएसएफएमबीएल आउटरीच आफिसर गैरी नाओमेटि, यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी, ऑस्ट्रेलिया की फाउंडेशन चेयर और प्रोफेसर डॉ० प्रीति कृष्ना और इंस्टीट्यूट आफ फोरेस्ट जेनिटिक्स एण्ड ट्री ब्रिडिंग, कोयम्बटूर तामिलनाडू की डॉ० मधुमिता दास गुप्ता ऑनलाइन जुड़ेंगी। कार्यशाला की संयोजक डॉ० पल्लवी जोशी हैं।
Related posts:
- महाविद्यालय सोमेश्वर द्वारा आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय व्याकरण कार्यशाला का समापन
- महाविद्यालय देवप्रयाग में योग दर्शन और इतिहास विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
- हिंदी व्याकरण के व्याकुल करने वाले प्रश्नों के विशेषज्ञों ने बताए सरल उत्तर
- पर्यावरण और जल संरक्षण हेतु नवाचार और टेक्नोलॉजी का उपयोग समय की आवश्यकता: सचिदानंद भारती
- हुकुम सिंह बोरा राजकीय महाविद्यालय में सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन
- महाविद्यालय कोटद्वार में नैक मूल्यांकन पर जानकारी हेतु कार्यशाला का आयोजन