देहरादून (5 नवंबर): उत्तराखंड राज्य के 103 एमएसएमई उद्योगों को “जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट” – जेड प्रमाणीकरण मिला है। इसमें पांच उद्योगों को प्रमाणीकरण में स्वर्ण श्रेणी हासिल हुई है। इससे उद्योगों में बनने वाले उत्पाद वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को टक्कर देंगे।
एमएसएमई मंत्रालय ने 2022 में जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट-जेड प्रमाणीकरण योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में विनिर्माण में दक्षता मानव संसाधन, गुणवत्ता और कम से कम प्रदूषण, वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करने प्रमाणीकरण करना है। जिससे उद्योगों में बनने वाले उत्पादों की विनिर्माण लागत में कमी आएगी और वेस्टेज भी कम होगा।
उद्योगों की कार्यप्रणाली में नई तकनीक और बेहतर प्रबंधन से एमएसएमई उद्योग भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बड़ी कंपनियों को टक्कर दे सकेंगे। बीते एक साल में उत्तराखंड में 103 उद्योगों को जेड प्रमाणीकरण हासिल किया है। इसमें पांच उद्योगों को स्वर्ण, पांच को रजत और 93 को कांस्य श्रेणी का प्रमाणीकरण मिला है। इससे उद्योगों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान मिलेगी।
Related posts:
- भारत ने हिमालय में पैदा हुए जैविक बाजरा का डेनमार्क को निर्यात शुरू किया
- उत्तराखंड: सूक्ष्म, लघु उद्योगों को ईपीआर पंजीकरण से छूट
- सीएम धामी की सुरक्षा हुई सख्त, कवरेज पर जाने वाले मीडियाकर्मियों की भी कई स्तरों पर होगी चेकिंग,जानिए कारण
- उत्तराखंड में शुरू हुआ सतर्कता सप्ताह, विभाग में 103 पद सृजित करने का सीएम ने किया ऐलान
- ग्राफिक एरा ने खोजी एक और क्रांतिकारी तकनीक उद्योगों के पानी से अलग होंगे जहरीले रंग
- मुख्यमंत्री धामी ने एरोमा पार्क का भूमिपूजन कर प्लाटों आवंटन किया, एरोमैटिक सेक्टर के विकास के लिए प्रयास