देहरादून, 12 अप्रैल। विशेषज्ञों ने कहा कि ग्रीन इकोनॉमी प्रकृति और मनुष्य के सह विकास के लिए जरूरी है। ग्राफिक एरा में विशेषज्ञों ने यह बात कही। यह तीन दिवसीय कार्यशाला विकसित भारत@2047 के तहत आयोजित की गई।
अर्थव्यवस्था और भारत में विश्व स्तरीय वित्तीय क्षेत्र के निर्माण पर आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किये। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ० नरपिंदर सिंह ने कहा कि हरित अर्थव्यवस्था हमारे भविष्य के लिए उपयोगी साबित होगी। प्राकृतिक संसाधनों, ऊर्जा व प्लास्टिक की खपत कम करके हम अपने स्तर पर इसमें निवेश कर सकते हैं। उन्होंने जैविक खेती को अपनाने के फायदों पर भी प्रकाश डाला।
इससे पहले सत्र में चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचारों के महत्व और देश में डिजिटल समावेशन के विकास पर जानकारी दी गई। कार्यशाला में 30 से ज्यादा छात्र छात्राओं ने भी हरित अर्थव्यवस्था पर प्रेजेंटेशन दी।
कार्यशाला में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के विकसित भारत@2047 के नोडल अधिकारी प्रो० नवीन कुमार बाजपेई, डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स की एचओडी डॉ० रूपा खन्ना मल्होत्रा, डॉ० अमित उनियाल, डॉ० रंजीत मुखर्जी, डॉ० विनय जैन, डॉ० एम. एस. बोरा और पूजा कनौजिया भी मौजूद रही।
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