जिलाधिकारी सोनिका ने नगर निगम में छापा मारा तो एक-दो नहीं बल्कि 51 कर्मचारी ड्यूटी से गायब मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम सोनिका ने अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल को सभी की अनुपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर नगर पालिका के लैंड बैंक की जानकारी ली और निगम की जमीन पर फेंसिंग लगाने के निर्देश दिये। नगर पालिका की खाली जमीन पर पौधारोपण करने के साथ ही पार्क विकसित करने की भी बात कही गई।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक खिड़की पर किये जा रहे कार्यों की सूचना चस्पा करायी जाय। शिकायतकर्ताओं की सुविधा के लिए जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं, ताकि लोग अपने कार्य की प्रगति ऑनलाइन देख सकें। जिलाधिकारी ने टाउन हॉल की मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण के लिए प्राक्कलन तैयार करने को भी कहा. नगर निगम परिसर में छोटे-बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग स्थान चिह्नित करने तथा पार्किंग की व्यवस्था करते हुए स्थान की साफ-सफाई करने का निर्देश दिया।
नगर निगम के अधिकारियों को प्रतिदिन वार्डवार कचरा संग्रहण की मॉनिटरिंग करने तथा जटायु वाहनों को रोस्टर के अनुसार क्षेत्र आवंटित कर सफाई कार्य में लगाने को कहा गया। साथ ही जिन क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंका जाता है, उसका प्रबंधन करने के लिए कर्मचारियों द्वारा सर्वेक्षण कराकर इसके कारणों का पता लगाने के दिशा-निर्देश जारी किए गए। स्वीकृत कार्यों की फाइल प्रस्तुत करने के निर्देश दिये: जिलाधिकारी ने नगर निगम के अंतर्गत वर्तमान में चल रहे एवं स्वीकृत कार्यों की फाइल जमा करने का निर्देश दिया. सोर्स सेग्रीगेशन के लिए किए गए कार्यों की सूची और संबंधित लोगों से अनुबंध के दस्तावेज भी मांगे गए। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त, नगर निगम से कार्य आवंटन की फाइल तलब की। ताकि विकट परिस्थिति में निगम प्रबंधन का आकलन किया जा सके।
दो सहायक नगर आयुक्तों पर गिरी गाज: मानसून शुरू होने के बावजूद लंबे समय से छुट्टी पर गए दो सहायक नगर आयुक्त उस समय मुश्किल में पड़ गए जब जिलाधिकारी सोनिका ने छापेमारी की। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने सहायक नगर आयुक्त वीपीएस चौहान और यशवीर सिंह राठी को उप नगर आयुक्त गोपाल बिनवाल के कार्यालय में संबद्ध कर दिया है। बताया गया कि दोनों के छुट्टी पर रहने के कारण म्यूटेशन और प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़े मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है।