डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद कई अहम फैसले किए हैं। इन फैसलों में सबसे चर्चित निर्णय बर्थराइट सिटीजनशिप (जन्मजात नागरिकता) को खत्म करने का है। ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर 20 फरवरी 2025 के बाद जन्म लेने वाले बच्चों को बर्थराइट सिटीजनशिप का अधिकार न देने का आदेश दिया है।
महिलाएं समय से पहले डिलीवरी के लिए अस्पतालों में लगीं
ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिका के अस्पतालों और मैटरनिटी क्लीनिकों में भीड़ बढ़ गई है। कई गर्भवती महिलाएं, खासकर भारतीय मूल की महिलाएं, 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन डिलीवरी के लिए अस्पतालों में लंबी कतारें लगा रही हैं। न्यू जर्सी के एक मैटरनिटी क्लिनिक के डॉ. एसडी रामा ने बताया कि 8वें और 9वें महीने की गर्भवती महिलाएं जल्द से जल्द डिलीवरी कराने की मांग कर रही हैं, ताकि उनके बच्चों को जन्मजात अमेरिकी नागरिकता मिल सके।
14वें संशोधन में बदलाव
अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिकी जमीन पर जन्म लेने वाले हर बच्चे को नागरिकता का अधिकार मिलता है, चाहे उनके माता-पिता का इमिग्रेशन स्टेटस कुछ भी हो। ट्रंप के आदेश के अनुसार, अब केवल उन्हीं बच्चों को नागरिकता मिलेगी, जिनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी नागरिक, ग्रीन कार्ड होल्डर, या अमेरिकी सेना में हो।
महिलाओं और परिवारों में बढ़ी चिंता
न्यू जर्सी में एक 7 महीने की गर्भवती महिला ने अपने पति के साथ समय से पहले डिलीवरी के लिए साइन अप किया। महिला ने कहा कि वह अपने बच्चे को बर्थराइट सिटीजनशिप दिलाना चाहती हैं और इसलिए यह कदम उठा रही हैं।
विवाद और आलोचना
ट्रंप के इस फैसले की आलोचना भी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम संविधान में गहरी दखलंदाजी है। साथ ही, यह प्रवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच असुरक्षा का माहौल पैदा कर सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप के इस विवादित आदेश के प्रभावों और इसके विरोध पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।