देहरादून में इन्फ्लूएंजा ए वायरस का पहला मरीज पाया गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों ने बताया है कि इस वायरस के प्रति बच्चों और बुजुर्गों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित व्यक्ति को उचित चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन्फ्लूएंजा ए वायरस तेज़ी से फैल सकता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से ग्रस्त हैं।
डॉक्टरों ने आम लोगों से हिदायत दी है कि वे संक्रमण से बचने के लिए उचित स्वच्छता का पालन करें, जैसे कि हाथों को नियमित रूप से धोना, मुंह ढककर रखना और भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहना। साथ ही, जिन बच्चों और बुजुर्गों को पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। इस वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान भी शुरू किया जा रहा है, ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।
प्राथमिक लक्षणों का न करें नजर अंदाज
चिकित्सक डॉ. अशोक के मुताबिक तेज बुखार, खांसी और जुकाम एन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण के प्राथमिक लक्षण माने जाते हैं। इस तरह के लक्षण सामने आने पर लोगों को बिना किसी देरी के चिकित्सकों से परामर्श करना चाहिए। इससे बचाव के लिए लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखनी चाहिए। इसके अलावा बाहर जाते समय मास्क लगाना चाहिए।
हरकत में आया दून अस्पताल प्रबंधन
दून अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण का मरीज सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन सक्रिय हो गया है। इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। ऐसे मरीज को भर्ती के लिए अस्पताल में आठ बेड एक आईसीयू है। यहां पर सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान किया जा रहा है।
अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए संक्रमण से बचाव के लिए समस्त तैयारियां कर ली गई हैं। आइसोलेशन वार्ड में सभी तकनीकि और मानवीय संसाधनों का इंतजाम किया गया है। मरीजों को कोई भी परेशानी न हो इस दिशा में काम किया जा रहा है।