उत्तराखंड ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में विधिवत अधिसूचना का अनावरण करते हुए यूसीसी लागू होने की घोषणा की।
इस मौके पर यूसीसी पोर्टल (ucc.uk.gov.in) का शुभारंभ किया गया और राज्य में यूसीसी के तहत पहला विवाह पंजीकरण कराकर इतिहास रच दिया गया। मुख्यमंत्री धामी ने इसे पूरे देश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय की स्थापना करना है, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होंगे।
मुख्य बातें:
- महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार, बाल अधिकारों का संरक्षण।
- हलाला, तीन तलाक और इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर प्रतिबंध।
- लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य।
- यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति वितरण के समान नियम लागू।
- ऑनलाइन पंजीकरण के लिए यूसीसी पोर्टल लॉन्च।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि हर साल 27 जनवरी को ‘समान नागरिक संहिता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
समारोह में यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने नियमावली की विस्तृत जानकारी दी, जबकि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।