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UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड विधेयक को मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री धामी ने ज़ाहिर की ख़ुशी

UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड विधेयक को मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री धामी ने ज़ाहिर की ख़ुशी

उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। सरकार को इसकी जानकारी राष्ट्रपति भवन से मिल गई है। राज्य सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। अब नियमावली बनते ही उत्तराखंड यूसीसी कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।सीएम धामी ने बुधवार को बिल को मंजूरी देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही यह कानून प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू किया जायेगा। यूसीसी कानून लाने के विधेयक को 6 फरवरी को राज्य विधानसभा में मंजूरी दी गई थी। चूंकि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत था, इसलिए इस बिल को कानून के रूप में लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी।

सरकार ने इस बिल को राज्यपाल के पास भेजा और राज्यपाल ने संविधान के प्रावधानों के चलते इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा।”यह राज्य के सभी लोगों के लिए बहुत खुशी और गर्व का क्षण है कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। निश्चित रूप से, इसके कार्यान्वयन के साथ राज्य में समान नागरिक संहिता कानून से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ-साथ महिलाओं के उत्पीड़न पर भी अंकुश लगेगा। यूसीसी कानून राज्य में सामाजिक समानता के महत्व को साबित करके सद्भाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, उनकी सरकार नागरिकों के हितों की रक्षा और उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही नियम-कायदों को मंजूरी देकर कानून को राज्य में सख्ती से लागू किया जाएगा.सीएम धामी ने डेढ़ साल पहले विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से सरकार बनने पर राज्य में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) लागू करने का वादा किया था। सरकार बनी तो धामी सबसे पहले यूसीसी का प्रस्ताव कैबिनेट में लाए। इसके बाद कानून विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई, जिसने यूसीसी पर लगातार बैठकें कीं, जनता से सुझाव लिए और विधानसभा में बिल पर चर्चा के बाद 6 फरवरी को इसे मंजूरी दे दी गई। विधानसभा की मंजूरी के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। आज राष्ट्रपति ने इस बिल पर अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने एक बार फिर प्रदेश में संकल्प से सिद्धि की ओर का संदेश दिया है।

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