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उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में 32 प्रस्तावों पर मुहर, बजट समेत कई अहम फैसले लिए गए

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में 32 प्रस्तावों पर मुहर, बजट समेत कई अहम फैसले लिए गए

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 32 प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। इस बैठक में 18 फरवरी से शुरू होने वाले बजट को मंजूरी दी गई, जिसमें लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के बजट पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। इसके अलावा, विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले विभिन्न अध्यादेशों को भी हरी झंडी दी गई।

महत्वपूर्ण फैसले:

  • केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई, जिसका प्रस्ताव अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
  • वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन पंचायतों को 30-30 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया।
  • सैनिक कल्याण विभाग को निशुल्क भूमि देने की मंजूरी दी गई।
  • खुरपिया फार्म में सिडकुल की भूमि को आवासीय क्षेत्र घोषित किया गया।
  • राज्य निर्वाचन आयोग के ढांचे में बदलाव की मंजूरी दी गई।
  • सरकारी सेवकों की अवकाश यात्रा सुविधा में संशोधन किया गया।
  • उत्तराखंड सेवा का अधिकार अष्टम वार्षिक प्रतिवेदन (2022-23) को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी मिली।
  • स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, नई टिहरी की शैक्षणिक सेवा नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई।
  • रुद्राक्ष एविएशन के जरिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर से 90 दिवसीय शीतकालीन आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा के लिए हेली सेवा संचालित करने का निर्णय लिया गया, जो नवंबर 2024 से शुरू होगी।
  • कृषि उत्पादन मंडी समिति, रुद्रपुर की भूमि के भू-उपयोग में बदलाव कर इसे आवासीय क्षेत्र में परिवर्तित किया जाएगा।
  • उत्तराखंड पेयजल संस्थान विकास एवं निर्माण निगम के वित्तीय वर्ष 2021-22 के वार्षिक लेखे को विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी दी गई।
  • मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मधुमक्खी पालन पर मिलने वाली सरकारी मदद 350 से बढ़ाकर 750 रुपए की गई है।

पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोतरी

कैबिनेट ने पूर्व विधायकों की पेंशन 40,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये करने का निर्णय लिया। साथ ही, विधायकों की वार्षिक धनराशि में 2500 रुपये की वृद्धि कर इसे 3000 रुपये किया गया। यह फैसला गैरसैण में हुए ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों की सैलरी बढ़ाने की मांग के बाद लिया गया।

भू कानून पर चर्चा नहीं

हालांकि, इस कैबिनेट बैठक में भू कानून को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, जिससे इस मुद्दे पर फैसला टल गया है।

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