20 करोड़ का बीज घोटाला: सचिवालय से फाइल गायब, SIT जांच शुरू

20 करोड़ का बीज घोटाला: सचिवालय से फाइल गायब, SIT जांच शुरू

देहरादून: सचिवालय से गायब हुई 20 करोड़ रुपये के बीज प्रमाणीकरण और टैगिंग घोटाले की फाइल आखिरकार फिर से तैयार कर ली गई है। शासन ने अब इस मामले की SIT (विशेष जांच दल) से जांच कराने का फैसला किया है। यह खुलासा सूचना आयोग की सुनवाई के दौरान हुआ।

RTI से खुला मामला
यह मामला तब सामने आया जब प्रयागराज निवासी हरिशंकर पांडेय ने RTI के ज़रिए बीज प्रमाणीकरण से जुड़ी जानकारी मांगी। सूचना न मिलने पर उन्होंने सूचना आयोग में अपील की। आयोग की जांच में खुलासा हुआ कि 14 अक्टूबर 2020 को फाइल डॉ. राम विलास यादव, उस वक्त के अपर सचिव (कृषि विभाग), को भेजी गई थी। इसके बाद से वह लापता है। डॉ. यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल भेजा जा चुका है।

जांच बंद करने की कोशिश
फाइल गायब होने पर 4 जुलाई 2022 को पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन 16 अगस्त 2023 को पुलिस ने यह कहकर जांच बंद कर दी कि फाइल का कोई सुराग नहीं मिला।

सूचना आयोग की सख्ती के बाद दोबारा बनी फाइल
सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के निर्देश पर फाइल को दोबारा तैयार करने के लिए समिति बनाई गई। शासन ने सुनवाई के दौरान आयोग को बताया कि अब SIT जांच गठित की जा चुकी है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि बाकी है।

पहले भी उठ चुके थे सवाल
2017 में डॉ. आशीष श्रीवास्तव, तत्कालीन अपर सचिव, ने इस मामले की प्रारंभिक जांच की थी और भारी अनियमितताओं की पुष्टि करते हुए SIT जांच की सिफारिश की थी।

आरटीआई में गुमराह करने पर जुर्माना
सूचना आयोग ने कृषि एवं विपणन अनुभाग के अधिकारी हरीश सिंह रावत को RTI में गुमराह करने का दोषी पाया और उन पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया गया है।

यह मामला शासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है और अब उम्मीद की जा रही है कि SIT जांच से पूरे घोटाले की परतें खुलेंगी।