देहरादून: उत्तराखंड में हुए हालिया कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जिनका सीधा लाभ स्थानीय लोगों, उद्योगों, किसानों, स्वास्थ्य सेवाओं और योग को मिलेगा। बैठक में वित्त विभाग की परिक्योरमेंट नियमावली को मंजूरी दी गई, जिसके तहत 5 करोड़ तक के कार्यों की सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
प्रमुख निर्णय:
🔹 परिक्योरमेंट नियमावली में बदलाव:
- भारत सरकार के दिशा-निर्देशों पर लिया गया फैसला।
- अब सभी टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
- EMD (Earnest Money Deposit) अब फिजिकल फॉर्म में जमा नहीं करनी होगी।
- स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक के कार्य दिए जा सकेंगे।
- खरीदारी की प्रक्रिया गुणवत्ता आधारित होगी।
- पड़ोसी देशों से खरीद में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश।
🔹 उद्योग नीति में बड़ा बदलाव:
- उद्योगों को लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा और अल्ट्रा मेगा श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
- स्थायी न्यूनतम रोजगार की व्यवस्था अनिवार्य।
- क्रमशः 10%, 12%, 15% और 20% तक की सब्सिडी का प्रावधान।
- पहाड़ी क्षेत्रों में 1% अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
- नगर निकाय क्षेत्र में उद्योग लगाने पर सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।
🔹 योग और आयुष नीति:
- उत्तराखंड योगा नीति को मंजूरी।
- पहाड़ी इलाकों में योग हब स्थापित किए जाएंगे।
- योग और ध्यान को प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी की व्यवस्था होगी।
🔹 स्वास्थ्य क्षेत्र में फैसले:
- अटल आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों के बकाया भुगतान के लिए 75 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
- देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों में तिमारदारों के लिए डॉर्मिटरी और भोजन की व्यवस्था।
🔹 अन्य प्रशासनिक फैसले:
- राजकीय लिपिक कर्मचारी सेवा नियमावली को मंजूरी।
- लेखाकार पदों के लिए सेवा नियमावली में संशोधन।
- राज्य बाढ़ सुरक्षा का वार्षिक प्रतिवेदन स्वीकृत।
- चाय विकास विभाग में 11 नए पदों को मंजूरी।
🔹 गृह विभाग का बड़ा फैसला:
- मिथाइल अल्कोहल को ‘विष’ के रूप में चिह्नित किया गया। इससे जहरीली शराब के मामलों पर रोक लगेगी।