अब गांवों में भी लगेगा पानी का बिल, उत्तराखंड के 17 लाख उपभोक्ताओं से वसूली की तैयारी

अब गांवों में भी लगेगा पानी का बिल, उत्तराखंड के 17 लाख उपभोक्ताओं से वसूली की तैयारी

देहरादून। उत्तराखंड में अब शहरी ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी के कनेक्शन पेयजल बिल के दायरे में आ गए हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगे नए कनेक्शनों समेत प्रदेश के सभी 17 लाख पेयजल उपभोक्ताओं से अब जल कर वसूला जाएगा।

अब तक पेयजल बिल केवल साढ़े तीन लाख शहरी और करीब डेढ़ लाख ग्रामीण उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा था, लेकिन जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण कनेक्शन 14 लाख से अधिक पहुंचने के बाद सरकार ने व्यापक दायरे में बिलिंग की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

जल जीवन मिशन का असर

जल जीवन मिशन लागू होने से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 1.30 लाख पेयजल कनेक्शन थे, लेकिन अब यह संख्या 14.14 लाख तक पहुंच चुकी है। जल्द ही यह संख्या 14.48 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।

बिल वसूली तभी शुरू होगी जब इन क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 70 लीटर पानी की आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाएगी। कुछ क्षेत्रों में यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।

अब दो एजेंसियों से होगी वसूली

अब पानी का बिल जल संस्थान और जल निगम दोनों वसूलेंगे। इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का बंटवारा किया जाएगा। हालांकि, जल संस्थान केवल ग्रामीण क्षेत्र जल निगम को देने की कोशिश कर रहा है, जिस पर जल निगम ने आपत्ति जताई है। उसका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से बिल वसूली घाटे का सौदा होता है।

ग्राम सभाएं भी होंगी जिम्मेदार

जिन गांवों में पेयजल योजना का संचालन ग्राम सभाओं के अधीन है, वहां बिल वसूली का जिम्मा भी ग्राम सभाओं को सौंपा जाएगा।

यह कदम जहां पेयजल प्रबंधन को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, वहीं ग्रामीण उपभोक्ताओं को पानी की गुणवत्ता और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करेगा। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लेकर विरोध और चुनौतियों की भी संभावना है।

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