अपना प्रतिनिधि चुनते समय कैरेक्टर, कंडक्ट, कैलिबर और कैपेसिटी पर ध्यान दें,  किसी अन्य बात … पर – उपराष्ट्रपति

अपना प्रतिनिधि चुनते समय कैरेक्टर, कंडक्ट, कैलिबर और कैपेसिटी पर ध्यान दें, किसी अन्य बात … पर – उपराष्ट्रपति

रैनबो न्यूज़ * 1 अप्रैल 2021

  • ‘शासन केंद्रित मतदान से नागरिक केंद्रित शासन का अभ्युदय होगा’
  • प्रत्येक नागरिक के जीवन को बेहतर करने के लिए शासन को सुव्यवस्थित किया जाना चाहिए: उपराष्ट्रपति श्री नायडू
  • उपराष्ट्रपति ने सेवानिवृत्त नौकरशाह डॉक्टर शैलेंद्र जोशी की पुस्तक ‘सुप्रीपालना’ का लोकार्पण किया

दिल्ली। उपराष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम में कहा कि लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनते समय कैरेक्टर, कंडक्ट, कैलिबर, और कैपेसिटी यानी 4-सी पर ध्यान देना चाहिए, किसी अन्य विषय को नहीं। उपराष्ट्रपति ने तेलंगाना के पूर्व मुख्य सचिव एस के जोशी की पुस्तक “इको टी कॉलिंग: टुवर्ड्स पीपल सेंट्रिक गवर्नेंस”, के तेलुगू संस्करण सुप्रीपालना” का लोकार्पण किया।

कास्ट, कम्युनिटी, कैश, और क्रिमिनलिटी ने कैरेक्टर, कंडक्ट, कैलिबर और कैपेसिटी का स्थान ले लिया

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुर्भाग्य से कास्ट, कम्युनिटी, कैश, और क्रिमिनलिटी ने कैरेक्टर, कंडक्ट, कैलिबर और कैपेसिटी का स्थान ले लिया है जो सुशासन के लिए अपरिहार्य विषय है। उन्होंने याद दिलाया कि नागरिक केंद्रित शासन तभी आ सकता है जब शासन केंद्रित मतदान की परंपरा अस्तित्व में होगी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सुशासन की आवश्यकता होती है। साथ ही उन्हपने कहा कि खुशहाली सुशासन से आती है।

चयनित सरकार जनता का विश्वास धारण करती है। उपराष्ट्रपति नायडू ने जनता को उसकी आवश्यकताओं के अनुरूप निरंतर और जवाबदेह ढंग से सेवा दिए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने सरकार के सभी प्रयासों में तारतम्यता लाने का आह्वान किया ताकि सभी नागरिकों का जीवन बेहतर किया जा सके।

उपराष्ट्रपति नायडू ने इस पुस्तक के लेखक डॉ. शैलेंद्र जोशी, अनुवादक श्री अन्नावारप्पू ब्रम्हैया और प्रकाशक मारुती की इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए सराहना की।

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