रेनबो न्यूज़ इंडिया * 12 जुलाई 2021
देहरादून। प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्त के प्रो० मधु थपलियाल ने कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों को अब हम साक्षात देख रहे हैं और महसूस कर रहे हैं। प्रो० मधु थपलियाल का ग्राफ़िक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय के लाइफ साइंस तथा जैव प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में डॉ० मधु थपलियाल बतोर मुख्य वक्ता बोल रही थी।
डॉ० थपलियाल ने बताया कि पूरा विश्व पूरे वर्ष प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण में लगा है। तमाम तरह के विश्व स्तरीय कांफ्रेंस, सम्मिट किये जाते रहे हैं। क्योंकि अब मानव जाती को यह अब समझ आने लगा है कि प्रकृति के संरक्षण के बिना मानव का अस्तिव समाप्त है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति के संरक्षण के लिए तो आगे आना ही है लेकिन सही नीतियों का निर्धारण होना आवश्यक है। जिसके द्वारा कई आपदाओं को रोका जा सकता है और जान माल की हानि से बचा जा सकता है। डॉ० मधु थपलियाल ने कहा कि हमें शहरों के बड़े नालों में, तालाबों में बड़ी-बड़ी इमारते ना बना कर उनमे वृक्षारोपण करना चाहिए।
जैव प्रोद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो० नवीन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा समाज हित के कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभाता है। प्रो० निशांत राय ने मुख्य वक्ता एवं सभी पदाधिकारियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ० जिगीषा आनन्द द्वारा किया गया। इस प्रकृति संरक्षण दिवस पर छात्र छात्राओं हेतु कुइज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में लगभग 240 प्रतिभागी जुड़े।
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