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जल संस्थान के दैनिक भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, मगन सिंह बिष्ट ने किया साथ देने का आश्वाशन

जल संस्थान के दैनिक भोगी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, मगन सिंह बिष्ट ने किया साथ देने का आश्वाशन

मगन सिंह बिष्ट वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख देवप्रयाग ने धरना स्थल पर जाकर समस्या को जाना और साथ देने का भरोसा दिया

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 1 सितम्बर 2021

देवप्रयाग। जल संस्थान देवप्रयाग के दैनिक भोगी कर्मचारी 1 सितम्बर से अनिश्चितालीन क्रमिक हड़ताल पर हैं। गौतरलब है की इनमें बहुत से कर्मचारी अलप दैनिक वेतन भोगी हैं और कुछ कर्मचारियों को 4 महीने से वेतन भी नहीं मिला। मदन सिंह बिष्ट, पूर्व ब्लॉक प्रमुख, बीजेपी के वरिष्ठ नेता हड़ताली कर्मचारिओं से मिलने धरना स्थल पर गए और उनकी समस्या को सुना।

धरना स्थल पर पहुंचे मदन सिंह बिष्ट ने कर्मचारियों के साथ उनके आंदोलन में शिरकत की। उन्होंने कहाँ मैंने उनके दर्द को सुना और महसूस किया। उन्होंने बताया कि मुझे आश्चर्य हुआ कि आज भी हमारे आस-पास ऐसे लोग हैं जो बंधुआ मजदूर की तरह जीवन यापन कर रहे हैं! जानकारी दी कि हड़ताली कर्मचारिओं में से कुछ लोग साल 2000 के आसपास और कुछ लोग 2016 में नौकरी पर लगे।

कुछ कर्मचारिओं को कई महीनों से वेतन नहीं मिला

जल निगम ने निर्माण कार्य को पूरा करने के बाद जब अपनी पेयजल लाइनों को जल संस्थान को ट्रांसफर किया तो साथ में कार्यरत कर्मचारियों को भी ट्रांसफर कर दिया। लेकिन दुर्भाग्य है कि आज कुछ कर्मचारियों को 9 महीने से और कुछ कर्मचारियों को 4 महीने से वेतन नहीं मिला।

कर्मचारियों को यह भी पता नहीं है कि वह लोग किस पद पर हैं और मिलने वाले वेतन का नियम क्या है? उनका कहना हैं कि किस आधार पर उन्हें वेतन दिया जाता है यह स्पष्ट ही नहीं। कुछ कर्मचारिओं ने जानकारी दी कि उन्हें मात्र ₹275 प्रतिदिन के हिसाब से पैसा मिलता है, और यह एक कुशल मजदूर की एक दिन की मजदूरी भी नहीं है। गौरतलब है कि वर्तमानमें ₹ 375 से लेकर ₹ 425 तक एक दैनिक भोगी कुशल मजदूर को प्रतिदिन की मजदूरी अन्य विभागों में दी जाती है।

हड़ताली कर्मचारिओं को मिलने पहुंचे मदन सिंह बिष्ट ने उनसे कहा कि – “मैं आप सब लोगों को को विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपकी लड़ाई को आगे लाने की कोशिश करूंगा, साथ ही न्यूनतम वेतन दिलाने के लिए आवाज उठाऊंगा, जिससे ये लोग अपने परिवार-बच्चों का भरण पोषण कर सकेंगे, किसी के सामने भीख नहीं मांगनी पड़े। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि यदि कोई व्यक्ति काम करते-करते कहीं चोट खा बैठे या इनके साथ कोई दुर्घटना घट जाय तो जवाबदेही किसकी होगी।

बिष्ट ने हड़ताली कर्मचारिओं को कहा मैं आपके दर्द को समझता हूँ और मैं आपके लिए संघर्ष भी करूंगा।

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