चन्द्रबदनी महाविद्यालय में विश्वविद्यालय परिसर के लिए भूमि चयन प्रक्रिया शुरू

चन्द्रबदनी महाविद्यालय में विश्वविद्यालय परिसर के लिए भूमि चयन प्रक्रिया शुरू

राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) में समिति का गठन

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 18 सितम्बर 2021

देहरादून। राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) को मुख्यमंत्री धामी द्वारा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का परिसर बनाने की घोषणा की गयी हैं। इसी क्रम में महाविद्यालय में प्राचार्या डाॅ० सुषमा चमोली की उपस्थिति में एक बैठक का आयोजन में किया गया। जिसमें प्राचार्या द्वारा मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री व विधायक देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र सहित श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय बादशाही थौल के कुलपति प्रो० पी० पी० ध्यानी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद किया गया।

बैठक में अलकनन्दा एवं भागीरथी नदियों के बीच के भू-भाग राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी) को श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय बादशाहीथौल का परिसर बनाये जाने को उच्च शिक्षा की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया गया। साथ ही आशा की गयी की इस कदम से विश्वसनीय एवं सुखद् दूरगामी परिणाम होंगे।

इस बैठक में निर्मित समिति के संयोजक डाॅ० प्रतापसिंह बिष्ट बरिष्ठ सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र तथा समिति के सदस्य के रूप में अनुपा फोनिया सहायक प्राध्यापक बनस्पति विज्ञान, मनीष पवांर सहायक प्राध्यापक हिन्दी, केदारनाथ भट्ट कार्यालय प्रभारी, अजय लिग्वांल प्रयोगशाला सहायक भूगोल, विजय प्रकाश बागड़ी कनिष्ठ सहायक व दिनेश पुंडीर (उपनल) नियुक्त किये गये हैं। समिति विश्वविद्यालय से सम्पर्क बनाकर आवश्यक पत्र व्यवहार करेगी एवं शासन-प्रशासन द्वारा अपेक्षित सूचनाओं को प्रस्तुत करेगी।

इसी क्रम में समिति द्वारा दिनांक 18 सितम्बर को प्राचार्या डाॅ० सुषमा चमोली, समिति संयोजक डाॅ० प्रतापसिंह बिष्ट, सदस्य अनुपा फोनिया एवं कार्यालय प्रभारी केदारनाथ भट्ट द्वारा महाविद्यालय के आस-पास नागराजा तपड़, महाविद्यालय प्रशासनिक भवन के पास, चन्द्रबदनी मन्दिर के पुराने पहुँच मार्ग, महाविद्यालय से कैंथौली लिंक मार्ग की दाहिनी और, झनांऊ विद्यालय के पास, नैखरी से रोड़धार पहुँच पैदल मार्ग वाया जौंयोडाली, जय भारत इण्टर काॅलेज जामणीखाल के पीछे गैरगोदियों नामक स्थान आदि स्थानों का पायलट निरीक्षण किया गया। सम्भावित परिसर हेतु सुलभ जमीन और पर्यावरणीय सहित भूगर्भीय एवं भौगोलिक दृष्टि से उपयुक्त जमीन का निरिक्षण के बाद चयन किया जायेगा।

Please share the Post to: