ग्राफिक एरा दीक्षांत समारोह, भारत दुबारा विश्व गुरु बनने की राह पर: प्रो० सहस्रबुद्धि

ग्राफिक एरा दीक्षांत समारोह, भारत दुबारा विश्व गुरु बनने की राह पर: प्रो० सहस्रबुद्धि

  • ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय का दसवां दीक्षांत समारोह
  • बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और हॉकी खिलाड़ी रुपिंदर को डी लिट की मानद उपाधि
  • स्वामी चिदानंद सरस्वती और डॉ० जगदम्बा प्रसाद चंद्रा को डीएससी की मानद उपाधि

देहरादून।  एआईसीटीई के चेयरमैन डॉ० अनिल डी सहस्रबुद्धि ने कहा कि जिंदगी में कष्ट सहने पर ही सफलता मिलती है। उन्होंने युवाओं से देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही देश की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में योगदान देने का आह्वान किया। 

समारोह में ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह, स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद और वानिकी डॉ० डॉ० जे पी चंद्रा को मानद उपाधियों से अलंकृत किया गया। समारोह में 5317 युवाओं को उपाधियां प्रदान की गयी। 

डॉ० सहस्रबुद्धि आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, विज्ञान और अन्य विषयों में स्नातक से पीएचडी तक की उपाधि पाने वाले युवाओं को दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए डॉ० अनिल डी सहस्रबुद्धि ने कहा कि ग्राफिक एरा ने मानद उपाधि के लिए आध्यात्म, खेल और विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ लोगों को चुना है। इन तीनों क्षेत्रों का सफलता में बहुत योगदान है। विज्ञान और खेल का मार्ग बहुत परिश्रम का मार्ग है। उसमें जब सफलता मिलती है, तब जमीन पर रहने के लिए अध्यात्म की बहुत जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में गोल्ड मैडल पाने वाले 99 लोगों में युवतियों की संख्या 61 होना, यह दर्शाता है कि भारत में मातृ-शक्ति जागरूक हो रही है।  

डॉ० सहस्रबुद्धि ने कहा कि विश्वविद्यालयों को मल्टी डिसिपिनसरी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि ग्राफिक एरा में प्रारंभ से ही मल्टी डिसिपिनसरी दी जाती है। यहां से बाहर जाने वाले युवा बाहर जाएंगे, तो -देश का झंडा ऊंचा करेंगे।

मुख्य अतिथि ने कहा कि ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से संस्थापक डॉ० कमल घनशाला खुद टीचर हैं। जो कोरोना काल में समाज की मदद, अपनों को खोने वालों से फीस न लेने और पहाड़ के युवाओं के लिए बिना फीस के कोर्स शुरू करने जैसे कार्य करके रोल मॉडल बन गए हैं। यह बहुत ही सराहनीय है।

ग्राफिक एरा एडुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ० कमल घनशाला ने दीक्षांत समारोह में कहा कि 28 साल पहले ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू रियलिटी के रूप में जिस मिशन की शुरुवात की थी, हर साल हजारों युवाओं के सपनों को हकीकत में बदल कर हम उसे आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ० घनशाला ने सेना, नौसेना, वायुसेना, इसरो, गूगल आदि में ग्राफिक एरा के युवाओं के चयन का उल्लेख करते हुए कहा कि काफी युवा ग्राफिक एरा के सेंटर में सुविधाओं का लाभ उठाकर रोजगार देने वालों की श्रेणी में पहुंच गए हैं। 

चार हस्तियों को डीलिट और डीएससी की मानद उपाधि

दीक्षांत समारोह में सुपर स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि दी गई। इनके साथ ही परमार्थ निकेतन के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और वानिकी विशेषज्ञ डॉ० जे पी चंद्रा को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। 

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जिंदगी को आप जैसी बनानी चाहों, यह वैसी बन जाती है। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट को इनरनैट से जोड़ने की जरूरत है। जिंदगी में कम्मुनिकेशन, कनेक्शन और कम्पैशन बहुत जरूरी हैं। 

मानद उपाधि पाकर प्रख्यात हॉकी खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह ने कहा कि हमेशा बड़ा लक्ष्य रखना चाहिए, तभी बड़ी कामयाबी मिल सकती है। साइना नेहवाल ने डेनमार्क में मैच होने के कारण न आ पाने का जिक्र करते हुए वहां से भेजे ने सन्देश में ग्राफिक एरा से जुड़ने पर आभार जताया। उनकी ओर से मैनेजमेंट बोर्ड की वरिष्ठ पदाधिकारी राखी घनशाला ने मानद उपाधि प्राप्त की। 

वानिकी विशेषज्ञ डॉ० जे पी चंद्रा ने युवाओं को कुछ अच्छा करने की स्वतंत्रता पाने और देश की प्रगति के लिए प्राइवेट सेक्टर में जाने का सुझाव दिया। 

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० राकेश कुमार शर्मा ने विश्विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने के साथ ही नव उपाधि धारकों को शपथ दिलाई। चांसलर प्रो० डॉ० आर सी जोशी ने नए उपाधि धारकों को विश्विद्यालय  का एम्बेसडर बताया।

इस दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय से वर्ष 2019, 20 और 21 में पास आउट होने वाले 5317 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान गईं। इसके साथ ही 99 टॉपर्स को गोल्ड मैडल दिए गए। दीक्षांत समारोह में 98 सिल्वर और 91 ब्रॉन्ज मैडल भी दिए गए। समारोह में 32 शोधकर्ताओं को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और अन्य विषयों में शोध कार्य के लिए पीएचडी की उपाधि दी गई। समारोह के मंच का संचालन डॉ० एम पी सिंह ने किया।

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