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पृथ्वी दिवस: स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

पृथ्वी दिवस: स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 22 अप्रैल 2022

कोटद्वार (गढ़वाल)। पृथ्वी दिवस के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में पर्यावरण प्रकोष्ठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वधान में बीएड विभाग के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है।

जिसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी। पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर एम डी कुशवाह ने विस्तार से पारिस्थितिक तंत्र के संदर्भ में समझाया साधन के संरक्षण पर जोर दिया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी एक कविता भी सुनाएं जिसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण जल संरक्षण संसाधन संरक्षण और विश्व में शांति और भाईचारे की अपील की गई। बी एड विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रमेश चौहान ने विद्यार्थियों को कहा कि हमें अपनी छोटी-छोटी आदतों के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षण कर सकते हैं जैसे हमें नहाने के लिए हमेशा एक बाल्टी पानी से अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए, हमें हमेशा बिना कारण ही बिजली को जलते रहना नहीं देना चाहिए, बहते हुए नलों को बंद कर देना चाहिए कूड़े करकट को यहां वहां नहीं फैलाना चाहिए।

बी एड विभाग के प्राध्यापक डॉ० अमित जायसवाल ने रामायण काल में वर्णित पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाते हुए वेदों और पुराणों के महत्व को छात्र छात्राओं को बतलाया। राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर किशोर सिंह चौहान छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने विद्यार्थी जीवन में 5 पौधे रोकने चाहिए और उनका 5 वर्षों तक संरक्षण भी हमारी रूप से किया जाना चाहिए डॉ चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा महाविद्यालय में प्रतिवर्ष जुलाई अगस्त माह में पौधारोपण किया जाता है ।और उन रोपित पौधों का संरक्षण भी किया जाता है। वर्ष 2022 में जुलाई माह में महाविद्यालय में छात्र छात्राओं के माध्यम से फिर से पौधारोपण करवाया जाएगा और उन रोपित पौधों का 5 वर्षों तक संरक्षण भी किया जाएगा उन्होंने कहा कि रोपित पौधों का महत्व तभी है जबकि उनका संरक्षण किया जाए। कहा कि भारत सरकार को भारत के प्रत्येक विद्यार्थी के लिए पौधारोपण संरक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए जिस कार्य के लिए कि डॉक्टर चौहान पिछले 15 वर्षों से प्रयासरत हैं।

पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर स्वाति नेगी के द्वारा किया गया। डॉ० स्वाति नेगी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में जो आदतें विद्यार्थी अपनाते हैं। वह पूरे जीवन भर उनकी बनी रहती है इसलिए विद्यार्थियों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाना अनिवार्य है। डॉक्टर सुषमा थलेडी ने अपने विचार व्यक्त किए कहा कि हिमालय में भांज एवं बुरास के पौधों का रोपण करके जल संरक्षण किया जा सकता है। इस अवसर पर डॉक्टर सुशील बहुगुणा डॉ हितेंद्र बिश्नोई उपस्थित थे।

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